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एक तरफ जल रही थी पति की चिता, दूसरी तरफ पुत्र का जन्म
फुलवारीशरीफ : इसे तकदीर का खेल कहें या कुदरत का करिश्मा, जहां एक तरफ सरिता देवी के पति की चिता जल रही थी, वहीं दूसरी तरफ उसके गर्भ से एक नयी जिंदगी जन्म ले रही थी. यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है़ सड़क हादसे में शिक्षक की मौत के बाद उसकी पत्नी के गर्भ […]
फुलवारीशरीफ : इसे तकदीर का खेल कहें या कुदरत का करिश्मा, जहां एक तरफ सरिता देवी के पति की चिता जल रही थी, वहीं दूसरी तरफ उसके गर्भ से एक नयी जिंदगी जन्म ले रही थी. यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है़ सड़क हादसे में शिक्षक की मौत के बाद उसकी पत्नी के गर्भ से चंद लम्हों के अंतराल पर पुत्र का जन्म होता है.
पति की मौत के दु:ख से विलाप कर रही सरिता अभी उबर भी नहीं पायी थी कि उसके बच्चे के जन्म ने उसकी आंसुओं को पोछ डाला. यह दु:ख भरी कहानी पटना के लोहानीपुर निवासी शिक्षक विमलेंदु नारायण उर्फ श्रवण कुमार की है़ बिक्रम के मोरियावा में स्कूल में पदस्थापित शिक्षक विमलेंदु नारायण उर्फ श्रवण कुमार की मौत शनिवार की सुबह फुलवारीशरीफ के महावीर कैंसर संस्थान के नजदीक ट्रक से कुचल कर हो गयी थी़ स्कूल में कार्यालय अटेंडेंट शिक्षक विमेलेंदु नारायण के परिजन उसके दाह -संस्कार की तैयारी में जुटे थे. विमलेंदु की मौत पर घर में कोहराम मचा था .एक तरफ उसकी अरथी दाह- संस्कार के लिए श्मशान के लिए निकली, इधर चीत्कार में डूबी उसकी पत्नी सरिता को प्रसव पीड़ा होने पर लोग बाइपास स्थित एक नर्सिंग होम में ले गये़ ठीक ग्यारह बजे विमलेंदु की चिता को मुखाग्नि दी जा रही थी, उसी समय उसकी पत्नी सरिता उसके बेटे को जन्म दे रही थी.
अपने आंसुओं को भी नहीं पोंछ पा रही थी सरिता
एक तरफ पति के वियोग में विलाप कर रही सरिता गोद में नन्हें विमलेंदु को पाकर ठीक से अपने आंसुओं को पोछ भी नहीं पा रही थी़ जैसे- जैसे उसकी चिता की राख ठंडी हो रही थी, उधर उसके नवजात बेटे की किलकारी की गूंज तेज हो रही थी. अभागी सरिता अपने पति की मौत पर ठीक से रो भी नहीं पा रही थी कि बेटे की किलकारी सुन कर उसे चुप कराने के लिए सीने से चिपकाये जा रही थी़ चंद लम्हे तक जिस घर में मातम पसरा था, वहीं उसके बेटे के रूप में जन्मा नन्हा विमलेंदु अपनी किलकारी से परिजनों को थोड़ी खुशी देने का प्रयास कर रहा था. लोग विमलेंदु की पत्नी और शोक में डूबे परिजनों को नन्हे विमलेंदु के रूप में उसके दोबारा जन्म लेने की दुहाई देकर ढाढ़स बंधाने में लगे थे़ विमलेंदु के मामा सुरेश प्रसाद यादव ने बताया कि परिजन बच्चे की किलकारी सुन कर थोड़ी राहत ले ले रहे हैं.
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