पटना : राजधानी के 60 फीसदी घरों में ‘ छोटा सिलिंडर बम ‘ मौजूद है. खास करके नॉनवेज के शौकीन इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. घर में बड़ा गैस सिलिंडर मौजूद होने के बावजूद रसोई को पाक-साफ रखने के लिए यह ट्रेंड तेजी से चलन में है. घर के किसी कोने में रख कर छोटे गैस सिलेंडर पर नानॅवेज पकाया जा रहा है. 7 दिसंबर 2014 को पाटलिपुत्र थाने के केसरी नगर की अजंता कॉलोनी की कांति देवी के साथ भी यही हुआ. घर में बड़ा सिलेंडर मौजूद होने के बावजूद वह छोटे सिलिंडर पर चिकेन पका रही थी. बच्चों ने कुछ खाया नहीं था. चिकेन पक जाने के बाद बच्चों के साथ भोजन करने की तैयारी थी. लेकिन पल भर में ऐसा हुआ कि उम्मीदें दम तोड़ गयी और परिवार से साथ छूट गया.
बैचलर भी करते हैं इस्तेमाल
गांव के सुदूर इलाके से पढ़ाई करने राजधानी में आये छात्र-छात्राएं भी छोटे गैस सिलिंडर का प्रयोग कर रहे हैं. असुरक्षित सिलिंडर उनके आशियाने तक पहुंच रहा है. शहर में गैस कनेक्शन लेने की झंझट से बचने के लिए अक्सर ऐसा किया जा रहा है. इसके अलावा मुहल्ले का युवा वर्ग अक्सर छोटी पार्टी में नॉनवेज पकाने के लिए भी छोटे गैस सिलिंडर का इस्तेमाल करता है. खुशियों के अवसर पर खाने-खिलाने का शौक इस ‘लाल बम’ के साथ कब बड़ा दर्द दे जाय यह कहा नहीं जा सकता.
अवैध रूप से भरे जाते हैं छोटे सिलिंडर
राजधानी की घनी आबादी के बीच छोटे गैस सिलिंडर में गैस भरा जाता है. बाजार में मौजूद यह दुकानें कब जान लेवा साबित हो जाये कहा नहीं जा सकता है. यह कारोबार गैस चूल्हे का सामान बेचने वाले दुकानदार अक्सर करते हैं. आपूर्ति विभाग इस अवैध व खतरनाक धंधे पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुआ है.
ऐसे करें बचाव
बिना आइएसआइ मार्का वाले निर्मित गैस सिलिंडर का इस्तेमाल नहीं करें.
छोटा गैस सिलिंडर एजेंसी से ही लें.
सिलेंडर के वॉल को समय-समय पर बदलें.
पांच किलोग्राम के सिलिंडर में तीन किलोग्राम से ज्यादा गैस न भरवाएं.
इस्तेमाल से पहले लिकेज चेक करें.
छोटा सिलिंडर खतरनाक
पांच किलो का सिलिंडर काफी खतरनाक होता है. इस बात की पुष्टि पहले ही हो चुकी है. इसका निर्माण किसी अच्छी कंपनी द्वारा नहीं किया जाता है. लोकल स्तर पर ही इसे बनाया जाता है. इसमें गैस के लिकेज होने की आशंका बनी रहती है. लोकल स्तर पर बननेवाला सिलिंडर प्रतिबंधित है, लेकिन इसकी बिक्री जारी है.
…तो आप 101 पर तुरंत कॉल करें
विशेषज्ञों के मुताबिक सिलिंडर में आग लगे तो उस पर पानी डाल कर बुझाने का प्रयास न करें. इसकी जगह पर बालू या बालू भरी बोरियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे पहले तत्काल फायर विभाग के नंबर 101 पर कॉल करें ताकि जल्द से जल्द बड़ी मदद मिल सकें.
फ्लैश बैक
07 दिसंबर 2014 : पाटलिपुत्र थाने के केसरी नगर की अजंता कॉलोनी स्थित एक मकान में चिकन पकाते समय गैस सिलिंडर (छोटा) में आग लग गयी थी. अपने दो बच्चों को बचाने के लिए महिला जलते सिलिंडर को लेकर बाहर भागी, लेकिन सिलिंडर में विस्फोट हो गया. इससे महिला का सिर उड़ गया.
02 दिसंबर 2014 : आनंदपुरी में मनोरमा अपार्टमेंट के बगल में रहने वाले उमेश प्रसाद के मकान में भी बड़ा गैस सिलिंडर फट गया था. इस दौरान आग लग गयी थी, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई थी.