
पाकिस्तान सीमा के क़रीब पठानकोट एयरबेस पर हमले के दौरान मुठभेड़ में चार संदिग्ध चरमपंथी मारे गए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ गरुड़ दस्ते के एक कमांडो समेत तीन सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई है.
इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई और स्थानीय पुलिस सूत्रों ने एयरबेस में फिर से फ़ायरिंग होने की जानकारी दी है.

पठानकोट इलाक़े में अफ़वाहें हैं और लोगों को डर है कि हमलावर कहीं छिपे हुए हैं.
कुछ स्थानीय विधायक और राजनीतिक नेता भी पठानकोट पहुँच गए हैं.
सुरक्षाबलों ने पहले 15 किलोमीटर क्षेत्र में चल रहे तलाशी अभियान को बढ़ाकर गुरदासपुर तक कर दिया है.

अधिकारियों ने बताया कि पांच से छह हमलावर भारतीय सेना की वर्दी में तड़के एयरबेस के नॉन ऑपरेशनल एरिया में घुसे थे. एयरबेस का यह इलाक़ा ज़्यादातर रिहाइशी है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी ने कुछ देर पहले एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया था, "हमलावरों का इरादा एयरबेस को ज़्यादा से ज़्यादा नुक़सान पहुंचाना था… हमारा मानना है कि ये जैश-ए-मोहम्मद के चरमपंथी हैं."

इससे पहले 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात की थी.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ देर पहले दिल्ली में कहा, ”हम पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन किसी भी आतंकवादी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा.”
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पंजाब पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) एचएस ढिल्लन के हवाले से कहा था कि मुठभेड़ ख़त्म हो गई है.
जम्मू-पठानकोट हाइवे पर गश्त बढ़ा दी गई है. पंजाब और जम्मू कश्मीर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है.
पंजाब बॉर्डर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक विजय कुंवर प्रताप सिंह ने बीबीसी को बताया, ”अकालगढ़ के पास एयरफ़ोर्स स्टेशन बेस में सुबह कुछ हथियारबंद लोग घुसे थे.”
हमलावरों से निपटने के लिए भारतीय सेना की चार टुकड़ियां, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स, कमांडो और हेलीकॉप्टर लगाए गए.
पंजाब में इससे पहले भी हमला हो चुका है. पिछले साल अगस्त में गुरदासपुर ज़िले में एक पुलिस थाने पर हमले में सात लोग मारे गए थे. बाद में तीन हमलावर पुलिस कार्रवाई में मारे गए थे.
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