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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निलंबित सांसद कीर्ति आज़ाद के समर्थन में आम आदमी पार्टी खुलकर सामने आ गई है.
दिल्ली और ज़िला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित घोटालों के बारे में ‘आप’ का दावा है कि अगर इसकी सही जांच हुई, तो केंद्रीय वित्तमंत्री अपना बचाव नहीं कर पाएंगे.
‘आप’ नेता आशुतोष कहते हैं, "यह ओपन एंड शट" केस है यानी उनके (अरुण जेटली) ख़िलाफ़ सबूत ठोस हैं.
आशुतोष ने बीबीसी से कहा, "पिछले दस साल से वो डीडीसीए में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं. उस पर किसी ने अब तक उतना ध्यान नहीं दिया, जैसा देना चाहिए था."
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कीर्ति आज़ाद ने डीडीसीए में कथित घोटालों का पर्दाफ़ाश किया था.
हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा नेता और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का नाम तो नहीं लिया, पर ये कथित घोटाले के हैं जब जेटली डीडीसीएए के अध्यक्ष थे.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इन घोटालों के लिए वित्तमंत्री को ज़िम्मेदार मानती हैं. इसीलिए दोनों पार्टियों ने उनके इस्तीफ़े की मांग की है.
बीबीसी हिंदी से ख़ास बातचीत में आशुतोष ने दावा किया कि वित्तमंत्री के खिलाफ़ काफ़ी ठोस सबूत हैं.
वे कहते हैं, "जहां तक सबूतों की बात है, मैं कहता हूँ ये ओपन एंड शट केस है. अगर इसकी ईमानदारी से जांच की जाएगी, तो वित्तमंत्री के लिए ख़ुद को बचा पाना नामुमकिन होगा."
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अरुण जेटली इन आरोपों को बेबुनियाद बताते आए हैं. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आशुतोष और ‘आप’ के अन्य चार नेताओं के ख़िलाफ़ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया है. इन पर उन्होंने आपराधिक मामला भी दर्ज कराया है.
आशुतोष के मुताबिक़ कीर्ति आज़ाद को निलंबित करना इसलिए ग़लत है क्योंकि यह भाजपा का अंदरूनी मामला नहीं है.
वह कहते हैं, "कीर्ति आज़ाद ने वित्तमंत्री की कार्यप्रणाली पर कोई सवाल नहीं उठाया है, जो उनकी सरकार से जुड़ा हो. यह भाजपा के बाहर का मसला है. अगर वे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं, तो इसके लिए भाजपा को कीर्ति आज़ाद का साथ देना चाहिए."
भाजपा ने कीर्ति आज़ाद को पार्टी से निलंबित करते हुए कहा था कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इस फ़ैसले की निंदा की है.
लेकिन ख़ुद आम आदमी पार्टी भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे अपने कई नेताओं को पार्टी से निकाल चुकी है.
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इस पर आशुतोष कहते हैं कि उनकी पार्टी ने दोनों नेताओं की तरफ़ से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की अपने लोकपाल से पूरी जांच कराई थी. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें पार्टी से निकाला गया था.
आशुतोष ने कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए प्रतिबद्ध है.
आशुतोष कहते हैं, "आम आदमी पार्टी वह पार्टी है जिसने भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपने ही मंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की. न केवल उन्हें पार्टी से निकाला बल्कि इस मामले को सीबीआई को भी सौंपा."
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यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई में कीर्ति आज़ाद का इस्तेमाल कर रही है, आशुतोष ने इन आरोपों को ग़लत बताया. उन्होंने सवाल किया, "पिछले दस साल से इस मुद्दे को किसी और पार्टी ने क्यों नहीं उठाया?"
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने डीडीसीए के कथित घोटालों की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया है.
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आशुतोष के मुताबिक़, "इस कमीशन को गठित करने का मक़सद घोटाले की परतें खोलना है. जो लोग इसके ज़िम्मेदार हैं उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए."
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़ दिल्ली सरकार को जांच आयोग के गठन के लिए उपराज्यपाल से इजाज़त लेनी पड़ेगी. पर आशुतोष कहते हैं इसकी कोई ज़रूरत नहीं और केंद्र सरकार यह बखूबी जानती है.
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