रांची:झारखंड में स्थानीयता की नीति बनाने और राज्य के मूल निवासियों एवं आदिवासियों को हर क्षेत्र में लाभ देने की मांग के साथ विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाये गये 12 घंटे के झारखंड बंद का व्यापक प्रभाव आज राजधानी रांची में दिखा जहां दूकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान अधिकतर जबरन बंद करा दिये गये जबकि शैक्षणिक संस्थाओं ने पहले ही अवकाश की घोषणा कर दी थी.
आदिवासी मूलवासी, आदिवासी जनाधिकार मंच, आदिवासी छात्र संघ, झारखंड जनाधिकार मंच और झारखंड दिशोम पार्टी समेत दो दर्जन से अधिक आदिवासी संगठनों द्वारा आज अपनी मांगों के समर्थन में बुलाये गये झारखंड बंद का राजधानी रांची में व्यापक असर रहा. राज्य के अन्य भागों में इसका मामूली प्रभाव रहा.
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भीमसेन टूटी ने बताया कि रांची में आम तौर पर बंद शांतिपूर्ण रहा और इस दौरान तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले अनेक लोगों के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गयी है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है.
रांची में वास्तव में बंद की पूर्व घोषणा के चलते जहां शैक्षणिक संस्थाओं ने पहले ही अवकाश घोषित कर दिया था वहीं अधिकतर व्यावसायिक संस्थाओं और व्यापारियों ने अपने संस्थान और प्रतिष्ठान स्वयं ही बंद रखा. इसके अलावा शहर में जहां भी वाहन चले अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान और दूकानें खोली गयीं वहां बंद समर्थकों ने लोगों से जमकर मारपीट की और तोड़फोड़ की.
शहर में कानून व्यवस्था के नाम पर चौराहों को छोड़कर कहीं भी पुलिस नहीं नजर आ रही थी. इस संबन्ध में पूछे जाने पर झारखंड जनाधिकार मंच के नेता निर्दलीय विधायक बंधू तिर्की ने कहा कि बंद के दौरान ऐसी कुछ घटनाएं हो जाती हैं.
बंधू तिर्की, दिशोम पार्टी के सालखन मुर्मू तथा अन्य ने शहर के अनेक इलाकों में जुलूस निकाले और विरोध प्रदर्शन किये. दूसरी ओर राज्य के अन्य जिलों से बंद का मामूली असर होने की खबर आयी है. पुलिस के अनुसार कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.