
नेपाल के जनकपुर अंचल में राम की बारात में पथराव और पुलिस फ़ायरिंग हुई है जिसमें कम से कम 22 लोग घायल हो गए हैं.
मान्यता है कि अयोध्या के राम और जनकपुर की सीता का त्रेता युग में आज ही के दिन विवाह हुआ था. इसी याद में हर साल अयोध्या से साधु राम की बारात लेकर जनकपुर आते हैं, जिसे विवाह पंचमी कहा जाता है.
इस बार यात्रा भारत नेपाल सीमा पर चल रही नाकेबंदी की वजह से नहीं हो पाई.

धनुषा के पुलिस अधीक्षक रामदत्त जोशी ने बताया ”पथराव में 12 पुलिसकर्मी ज़ख्मी हुए हैं. जो भी आंदोलनकारी घायल हुए हैं वो आपसी पथराव की वजह से हुआ है न की पुलिस लाठीचार्ज और फ़ायरिंग में.”
जोशी ने कहा पुलिस ने पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फायरिंग की और सात राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े गए.

उधर, आंदोलनकारियों की ओर से मधेसी जन अधिकार फ़ोरम धनुषा के अध्यक्ष शेषनारायण यादव ने बताया, ”कम से कम 25 लोग ज़ख्मी हुए हैं और पुलिस ने छह लोगों को गिरफ़्तार किया है.”
इस बार बारात में भाग लेने नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी, उपसभामुख और भूमिसुधार मंत्री समेत कई लोग पहुँचे थे.
राष्ट्रपति जब दर्शन करके जाने लगीं, तभी उनकी गाड़ी पर पथराव हुआ. ग़ुस्साए लोगों ने सुरक्षा घेरा तोड़ दिया और मंदिर में घुस गए. वहां तोड़फोड़ भी की गई.
बताया गया है कि अफ़रातफ़री और भगदड़ में मंदिर के आसपास रह रहे कुछ भारतीय और नेपाल के तीर्थयात्री बिछड़ गए हैं.

जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास के मुताबिक़, ”स्थिति काफ़ी तनावपूर्ण है. आगे का कार्यक्रम कैसे किया जाए, यह हम निर्णय नहीं ले पा रहे हैं.”
इससे पहले राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने कहा था, ”त्रेता युग से चल रहा भारत-नेपाल का संबंध अब और मज़बूत होगा. इस प्रदेश का नाम मिथिला राज्य रखने की चर्चा थी, जिससे मैं काफ़ी खुश हूँ.”

दोपहर एक बजे राम की बारात सहित डोला राम मंदिर से और दो बजे जानकी मंदिर से निकलना था. दोनों बारातें और डोला बारहबीघा में पहुँचने पर वहां स्वयंवर होना था. मगर ऐसा नहीं हो सका.
नेपाल में नए संविधान बनने के बाद से नेपाल और भारत की सीमा पर तनाव बना हुआ है.
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