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पर्सनालिटी को निखारें कमियों को दूर कर

पर्सनालिटी को निखारने का तरीका जानने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि अपने अंदर क्या कमी है? साथ ही किन बिंदुओं पर गौर करके पर्सनालिटी और निखारा जा सकता है?पर्सनालिटी अच्छी हो, यह सभी चाहते हैं. पर किस तरह से पर्सनालिटी में सुधार किया जाये, अगर यह पता चल जाये, तो लक्ष्य […]

पर्सनालिटी को निखारने का तरीका जानने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि अपने अंदर क्या कमी है? साथ ही किन बिंदुओं पर गौर करके पर्सनालिटी और निखारा जा सकता है?
पर्सनालिटी अच्छी हो, यह सभी चाहते हैं. पर किस तरह से पर्सनालिटी में सुधार किया जाये, अगर यह पता चल जाये, तो लक्ष्य थोड़ा आसान हो जाता है. यह कहना गलत नहीं होगा कि पर्सनालिटी को बेहतर करने में 85 फीसदी तक खुशी और सफलता अपनी भूमिका निभाते हैं. इस क्रम में आगे कदम बढ़ाने से पहले यह जानना जरूरी है कि पर्सनालिटी कहते किसे हैं?

आपके सोचने, महसूस करने, शरीरिक बनावट और व्यवहार को मिला कर ही पर्सनालिटी बनती है. इसके माध्यम से व्यक्ति भीड़ में भी खुद की अलग पहचान बनाता है. जब किसी के लिए कहा जाता है कि फलां की पर्सनालिटी अच्छी है, तो इसका सीधा अर्थ होता है कि उस व्यक्ति को दूसरे लोग पसंद करते हैं. वह दिलचस्प और हंसमुख है. इसलिए इस ओर कदम-दर-कदम सुधार करना चाहिए. आइए जानें उन बिंदुओं को जिन पर काम कर पर्सनालिटी को और बेहतर किया जा सकता है.

सुनने की कला
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की पत्नी जैक्लीन केनेडी को दुनिया की सबसे आकर्षक महिलाओं में गिना जाता है. क्योंकि उन्होंने अपने अंदर सुनने की असाधारण क्षमता विकसित की थी. कहते हैं कि लोग उनकी दूसरों की बातें सुनने के अंदाज के ही कायल थे. वे लोगों की आंखों में देख कर, हर एक शब्द पर गौर करते हुए, सामने वाले को महसूस कराती थीं कि वह उनके लिए कितना अहम हैं. इसलिए पर्सनालिटी का एक पहलू दूसरों को सुनने से जुड़ा होता है. इसे खुद में विकसित करें.

नये ज्ञान की करें तलाश
कहते हैं जितना ज्यादा पढ़ेंगे, उतना ही अन्य चीजों को जानने की रुचि बढ़ेगी और आप दूसरों के बीच में उतना ही ज्यादा पसंद किये जायेंगे. जब आप नये लोगों से मिलते हैं, तो आपको अपने विचार बांटने का मौका मिलता है. पर वह सिर्फ तब ही हो सकता है, जब आप ज्यादा से ज्यादा चीजों के बारे में हमेशा पढ़ने के लिए तैयार रहेंगे.

संवाद करें स्थापित
यह गुण सिर्फ पहले बताये गुण को विकसित करके ही आ सकता है. यानी जितना पढ़ेंगे, उतना जानेंगे. पहले यह सीखें किकैसे खुद को दूसरों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए. फिर अपने ज्ञान का प्रदर्शन करें. किसी भी व्यक्ति के लिए सब कुछ पढ़ लेना या जान लेना संभव नहीं है. इसलिए दूसरों से सीखने की आदत विकसित करना भी बहुत जरूरी है. इससे आप खुद को रिफ्रेश कर सकते हैं. इसके लिए सबके साथ बेहतर संवाद स्थापित करना जरूरी है.

बनाएं अपनी राय
यह बहुत जरूरी है कि आप किसी भी विषय पर अपनी राय विकसित करें. क्योंकि बिना किसी रुख वाले व्यक्ति से बात करना सच में बहुत तकलीफदेह होता है. किसी भी विषय पर अपना विचार व राय प्रस्तुत करने की कला विकसित करें. अगर आपकी किसी बिंदु पर कोई राय नहीं होगी, तो आप बेहतर संवाद कैसे स्थापित कर पायेंगे?

नये लोगों से मिलने में न करें परहेज
नये लोगों से मिलने में कभी पीछे न हटें. खासतौर से तब जब आप ऐसे लोगों से मिलने जाएं, जो आपको पसंद न करते हों. इससे खुद को कई तरह के माहौल में प्रस्तुत करने का मौका मिलता है. साथ ही चीजों को दूसरी तरह से करने का तरीका भी पता चलता है. इससे अपने आयामों को विस्तार देने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. बस इतना ही नहीं, इससे आपको खुद को समझने और जानने का मौका भी मिलता है.

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