न्यूयार्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों ने खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट गुट पर प्रतिबंध बढ़ाने और उसके आर्थिक स्रोतों को समाप्त करने के लिए गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर दिया. पारित प्रस्ताव में विभिन्न देशों की सरकारों से अपील की है कि उनके कानूनों में इस्लामिक स्टेट को धन मुहैया कराना अब गंभीर अपराध माना जायेगा.
पारित प्रस्ताव के प्रावधानों के अनुरूप, सदस्य देशों को चार महीने में बताना होगा कि इस बारे में क्या कदम उठाए गए हैं. वित्तमंत्रियों की यह बैठक अमेरिकी वित्त मंत्री जैकब ल्यू की अध्यक्षता में हुई.
यह बैठक इस मायने में अहम है कि आइएसआइएस की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए सुरक्षा परिषदकेसदस्य देशों के वित्तमंत्रियों की पहली बैठक हुई. इससे यह भी संकेत मिलता है कि संयुक्त राष्ट्र आइएसआइएस के खात्मे के प्रति गंभीर है. इस बैठक का प्रस्ताव का अमेरिका व रूस ने मिल कर तैयार किया है. ध्यान रहे कि हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी आइएस के खात्मे को लेकर रूस से तल्ख रिश्तों के बावजूद मास्को पहुंचे थे.
खबरों के अनुसार, इस्लामिक स्टेट हर महीने आठ करोड़ डॉलर जुटा रहा है, जिसमें से आधी रकम जबरन वसूली और लूट की होती है. आइएसआइएस को 43 प्रतिशत रकम तेल की बिक्री से और बाकी मादक पदार्थों की तस्करी व दान से मिलता है. हाल के दिनों में रूस और अमेरिका व उसके मित्र देश के गंठबंधन ने हमले तेज कर दिये हैं, जिससे उसकी आर्थिक स्थितिकमजोर हुई है.
ध्यान रहे कि दो दिन पहले भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर भी कह चुके हैं कि अगर यूएनओ प्रस्ताव लाये तो भारत भी आइएसआइएस पर हमले को तैयार है.