
सीरिया सरकार के साथ शांति वार्ता को लेकर विपक्षी पार्टियां और विद्रोहियों ने साझा शांति प्रस्ताव तैयार किया है.
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में दो दिन की बैठक के बाद सभी गुटों ने इस पर अपनी मुहर लगाई.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ इसके तहत सीरिया सरकार में सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिलगा. मगर राष्ट्रपति बशर-अल-असद और उनके साथी कार्यवाहक सरकार के दौरान किसी प्रकार का निर्णय नहीं ले पाएंगे.

वैसे अब तक इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है कि विद्रोही गुट अहरार-अल-शाम ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं या नहीं.
हालांकि समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ वार्ता समाप्त होने से ठीक पहले गुट ने इस मसौदे पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
मसौदे में यह उल्लेख भी है कि जब तक कार्यवाहक सरकार का गठन नहीं होता असद सत्ता में बने रह सकते हैं. इससे पहले विपक्षी गुटों ने समझौते से पहले असद को सत्ता से हटने की मांग की थी.

सऊदी अख़बार अल-हयात के सीरिया संपादक इब्राहिम हमीदी ने बीबीसी से कहा, "यह विपक्ष में आए एक बड़े बदलाव का संकेत है."
दुनिया के सभी देश चाहते हैं कि सीरिया में विपक्ष और बशर-अल-असद सरकार के बीच कोई समझौता हो, जिससे सीरिया में चाढ़े चार साल से चल रहा गृहयुद्ध ख़त्म हो सके.
मार्च 2011 में शुरू हुए इस विद्रोह के बाद से अब तक दो लाख़ 50 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और एक करोड़ से ज़्यादा लोग बेघर हैं.
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