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लेजर-आर्म्ड कैमरों से दिखेगा कॉर्नर
लेजर की मदद से कैमरे अब कॉर्नर में घूमती हुई चीजों को भी ट्रैक कर पायेंगे. वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे वाहन चलाना आसान होगा, क्योंकि कॉर्नर में अंधेरा होने के कारण चीजें दिखाई नहीं देतीं और कई बार इससे दुर्घटना हो जाती है. ‘लाइव साइंस’ के मुताबिक, अब लेजर स्कैनर्स नियमित रूप से […]
लेजर की मदद से कैमरे अब कॉर्नर में घूमती हुई चीजों को भी ट्रैक कर पायेंगे. वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे वाहन चलाना आसान होगा, क्योंकि कॉर्नर में अंधेरा होने के कारण चीजें दिखाई नहीं देतीं और कई बार इससे दुर्घटना हो जाती है.
‘लाइव साइंस’ के मुताबिक, अब लेजर स्कैनर्स नियमित रूप से कॉर्नर में घूमती चीजों की थ्रीडी इमेज कैप्चर करेगा. इतना ही नहीं, यह टारगेट की स्पीड पर भी नजर रखेगा, ताकि संभावित दुर्घटना को टाला जा सके. कॉर्नर से आने वाली लाइट को यह डिटेक्ट करेगा और जिस वस्तु से या वाहन से लाइट आ रही है, उसकी थ्रीडी इमेज क्रिएट करेगा. स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग स्थित हेरियॉट-वॉट यूनिवर्सिटी के फिजिसिस्ट और इस अध्ययन के मुख्य लेखक डेनियल फेसियो के मुताबिक, इस सिस्टम से कॉर्नर के पास दीवार के पीछे की चीजें भी देखी जा सकती है.
यह सिस्टम उन चौराहों पर ज्यादा कारगर साबित होगा, जहां दायें या बायें ओर से जयादा स्पीड से आने वाली गाड़ियों को समय रहते नहीं देखा जा सकता है. यदि इन गाड़ियों को समय रहते देख लिया जाये, तो दुर्घटना से बचाव मुमकिन है.
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