बच्चों में बढ़ते मोटापे के कारण उनकी हड्डियां बचपन में ही खराब हो रही हैं और वे स्कूल जाने की उम्र में ही आर्थराइटिस एवं ओस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के शिकार बन रहे हैं.
अस्थि विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादा मोटे बच्चों में अतिरिक्त वसा की मात्र कमर, पैर के ऊपरी हिस्सों में जम जाती है. बाद में वसा कूल्हों के अलावा लीवर, मांसपेशियों-हड्डियों और यहां तक कि अस्थि मज्जा में भी जमा होती है और जब इसकी मात्र अधिक हो जाती है तो कोशिकाओं के लिए और विकसित होने की जगह नहीं बचती है. इसके परिणाम स्वरूप हड्डियां अविकसित एवं कमजोर रह जाती हैं.