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इन छोटी-छोटी चीजों का बड़ा है महत्व
दक्षा वैदकर छोटी-छोटी चीजें लोगों के बीच आपकी एक अलग इमेज बनाती हैं. आपकी हर हरकत बताती है कि आप लोगों के प्रति, चीजों के प्रति, अपनी जिम्मेवारियों के प्रति कितने सचेत हैं. ये सारी चीजें मैनर्स, एटिकेट्स भी कहलाती हैं. कुछ उदाहरण ले लें. ऐसे कई लोग हैं, जो लिफ्ट से बाहर निकलते वक्त […]
दक्षा वैदकर
छोटी-छोटी चीजें लोगों के बीच आपकी एक अलग इमेज बनाती हैं. आपकी हर हरकत बताती है कि आप लोगों के प्रति, चीजों के प्रति, अपनी जिम्मेवारियों के प्रति कितने सचेत हैं.
ये सारी चीजें मैनर्स, एटिकेट्स भी कहलाती हैं. कुछ उदाहरण ले लें. ऐसे कई लोग हैं, जो लिफ्ट से बाहर निकलते वक्त दरवाजा ठीक से बंद नहीं करते. उन्हें इस बात की परवाह ही नहीं होती कि दरवाजा खुला रख देने पर लिफ्ट चलेगी नहीं और कोई अन्य व्यक्ति लिफ्ट के लिए परेशान होगा. कई लोग ऐसे होते हैं, जो आपके घर से कुछ चीज ले जाते हैं जैसे – आयरन, कैंची, सेलोटेप, हथौड़ा. वे यह कह कर ले जाते हैं कि बस थोड़ी देर में देते हैं.
लेकिन महीनों हो जाते हैं. जब तक सामनेवाला खुद वह चीज वापस लेने उनके यहां नहीं जाता, उन्हें याद ही नहीं रहता. ऐसा अक्सर लोग किताबों के साथ भी करते हैं. वे यह कह कर किताब ले जाते हैं कि पढ़ कर वापस करेंगे, लेकिन न तो वे किताब पढ़ते हैं और न ही लौटाते हैं. वो पूरी कोशिश करते हैं कि आप भूल जाएं कि आपने उन्हें कोई किताब दी थी. लोग सड़क पर चलते हुए कुछ भी खाते हैं और उसका छिलका सड़क पर फेंकते जाते हैं.
वॉश बेसिन में गुटका थूकते हैं, लेकिन पानी नहीं डालते. लोगों की गाड़ी ले कर जाते हैं, लेकिन खुद से कभी पेट्रोल नहीं डलवाते. किसी को धक्का लग जाये, कोई इंतजार कर-करके थक जाये, किसी को कुछ गुस्से में बोल दें, तो बाद में सॉरी भी नहीं बोलते. वैसे दिखने में यह सारी चीजें बहुत छोटी लगती हैं, लेकिन यह छोटी-छोटी बातें ही बताती हैं कि आप कैसे इनसान हैं. अगर आप ये सारी चीजें नहीं करते हैं. गलती होने पर तुरंत सॉरी बोलते हैं.
लिफ्ट बहुत ध्यान से बंद करते हैं. लोगों से चीजें ले कर तुरंत उन्हें याद से लौटाते हैं, तो लोग आपकी ज्यादा कद्र करते हैं. आपके इस व्यवहार से उन्हें यह संदेश जाता है कि आप लोगों की परवाह करते हैं. आप बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि आपकी वजह से किसी को कोई परेशानी हो. इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर आप लोगों की मदद भी करेंगे, क्योंकि आप मददगार व संवेदनशील इनसान हैं.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– कोई भी काम करते वक्त सतर्क रहें. देखें कि कहीं किसी को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है? अगर होती है, तो तुरंत गलती सुधारें.
– जब आप लोगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाते हैं, तो बदले में लोग भी ऐसा ही करते हैं. आपको देख कर लोगों को भी सीख मिलती है.
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