पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार पोदी ने कहा है कि हिंदुओं के गोमांस खाने के बयान पर घिरे लालू यादव पर कौन विश्वास करेगा कि वे गोबर का टीका लगाते और गोमूत्र पीते हैं. लालू यादव को चुनौती है कि पटना के गांधी मैदान में हजारों लोगों के समक्ष गोमूत्र पान करें तो माना जा सकता है कि वह गोपालक हैं.
उन्होंने कहा कि लालू यादव तो मजबूरी में कुछ गायों को पाल कर डेयरी का धंधा शुरू किये, ताकि चारा घोटाले के कालाधन को सफेद बना सकें. गोमांस निर्यात के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेबुनियाद और असत्य बयानबाजी कर रहे हैं. लालू यादव हिंदुओं के गोमांस खाने और नीतीश कुमार गोमांस निर्यात में वृद्धि से संबंधित आधारहीन व तथ्यहीन बयान देकर वोटों का ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते हैं.
भारत से गोमांस निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध है, जबकि गुजरात में तो संपूर्ण गोवंशीय पशुओं के वध पर प्रतिबंध है. भाजपा जहां विकास के मुद्दे पर जनता से समर्थन मांग रही है, वहीं हताशा और निराशा में महागंठबंधन के इन नेताओं की ओर से विवाद और तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है. बिहार में गोहत्या पर रोक का 1955 में बना कानून 60 साल पुराना हो चुका है. इस कानून के जरिए संपूर्ण गोवंशीय पशुओं की हत्या रोकना संभव नहीं है.
15 वर्ष से अधिक उम्र की पशुओं की हत्या की आड़ में धड़ल्ले से सभी गोवंशीय पशुओं का वध होता है. नीतीश कुमार में अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति और हिम्मत है तो गोवंशीय पशुओं की हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए नया कानून बनाने का वादा करें. भाजपा की सरकार बनने पर संपूर्ण गोवंशीय पशुओं के वध को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया जायेगा, जिसके तहत 10 साल तक की सजा और 10 हजार रुपये तक जुर्माना का प्रावधान होगा.