पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2015 की लडाई सिर्फ चुनावी मैदान में नहीं, बलि्क मीडिया व सोशल मीडिया में भी लडी जा रही है. जहां, सोशल मीडिया पर जुमलाें का वार हो रहा है, वहीं दोनों नेता अखबारों में लेख लिख कर राजनीतिक बढत हासिल करने की काेशिश करते दिख रहे हैं. बिहार के विकास पर महागंठबंधन के नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जहां एक लेख नवभारत टाइम्स अखबार में छपा है, वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में सुशील कुमार ने एक ब्लॉग लिख कर यह बताने की काेशिश की है कि बिहार सरकार से भाजपा के अलगाव के बाद बिहार की विकास दर गिरी है.
नवभारत टाइम्स में नीतीश कुमार ने अपने आलेख में लिखा है कि बिहारके चुनाव का देशव्यापी असर होगा और यह सिर्फ बिहार की समस्याओं तक सीमित नहीं है. उन्होंने लिखा है कि बिहार ने बीते दस सालों में तेजी से विकास किया है और वोट देते समय मतदाता इन सब बातों का ध्यान रखेंगे. नीतीश ने केंद्र सरकार के विकास को कुछ तबकों का विकास बताया है. उन्होंने लिखा है बीते दस सालों में 17.99 प्रतिशत की दर से बिहार की जीडीपी दर देश में सबसे अधिक रही है. उन्होंने लिखा है कि बिहार में प्रति व्यकि्त आय 16.33 प्रतिशत याैगिक वार्षिक वृृद्धि दर देखी गयी, जो राष्ट्रीय वृद्धि दर से अधिक है.
नीतीश ने अपने लेख में बताया है कि इन सालों में बिहार का औद्योगिक उत्पादन दर 13.3 प्रतिशत हो गया है. सेवा क्षेत्र 9.8 प्रतिशत की दर से आगे बढा है. नीतीश ने लिखा है दस साल में बिजली उत्पादन में चार गुणा व प्रति व्यकि्त खपत में तीन गुणा वृद्धि हुई है. इन सालों में 36504 बसावटों में बिजली पहुंचाई गयी व 66500 किमी सडक बनायी गयी व काफी बडी संख्या में पुल पुलिया बनाये गये.
वहीं, सुशील कुमार मोदी ने टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखा है : सात सालों तक बिहार ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा के सहयोग से हर सेक्टर में तेज तरक्की की, लेकिन बाद में नीतीश कुमार की निजी महत्वाकांक्षा बिहार के हित पर भारी पर गयी. उन्होंने लिखा है बिहार 1990 से 2004 के लालू युग सहित 2013 से 2015 की तुलना में 2005 से 2013 तक तेज विकास करने में सफल रहा.यह सिर्फजदयूबीजेपी सरकार द्वारा उठाये साकारात्मक कदमों के चलते सफल हो सका था. उन्होंने लिखा है कि 2013 से 14 के बीच बिहार की विकास दर 9.92 हो गयी, जो जदयू बीजेपी शासनमें 2011 से 12 में 10.29प्रतिशत थी.
मोदी ने लिखा है कि 2011-12के 20जीडीपीदर की तुलना में यह 2013-12 में 18.4 प्रतिशत हो गया. इसी तरह उन्होंने लिखा है राज्य के सकल घरेलू उत्पादन दर में भी कमी आयी है. 2010-11 में यह 25.4 प्रतिशत था, 2013-14में यह 16.2प्रतिशत हो गया. उन्होंने हाल के वर्ल्ड बैंक के इज एंड डूइंग बिजनेस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा है कि बिहार इसमें 21वें व गुजरात पहले स्थान पर आया है.