सीट बंटवारे की तसवीर दिलचस्प है. पिछले चुनाव में चनपटिया से भाजपा के चंद्रमोहन राय ने बसपा के एजाज हसन को 23412 वोटों से हराया था. महागंठबंधन के तालमेल में यह सीट कांग्रेस को दी है.
इसी तरह बेतिया सीट पर भाजपा की रेणु देवी ने निर्दलीय अनिल कुमार झा को हराया था. यह सीट भी कांग्रेस की झोली मे गयी है. केसरिया की सीट पर पिछले चुनाव में भाकपा दूसरे नंबर पर थी. भाजपा के सचिंद्र सिंह ने भाकपा के रामशरण यादव को 11683 मतों के अंतर से हराया था. यह सीट तालमेल में राजद को गयी है.
वाम मोरचा भी यहां अपना उम्मीदवार देगा. बरारी सीट पर एनसीपी के मोहम्मद शकुर भाजपा के विभाष चंद्र चौधरी के हाथों 27168 वोटों से हार गये थे. महागंठबंधन में यह सीट राजद के खाते में गयी है. इसी तरह कदवा और प्राणपुर सीट पर एनसीपी दूसरे स्थान पर थी. महाबंठबंधन में ये दोनों ही सीटें कांग्रेस को मिली है. इन दोनों सीटों पर एनसीपी उम्मीदवार देगा, तो लड़ाई त्रिकोणात्मक हो सकती है.
ऐसी ही सूरत सीवान जिले की जीरादेई, दरौली और रघुनाथपुर में बन सकती है. इन तीनों सीटों पर पिछले चुनाव में भाकपा (माले) के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे. जीरादेई में आशा पाठक ने माले के अमरजीत कुशवाहा को 8920 वोटों से पराजित किया था. महागंठबंधन में यहां से जदयू उम्मीदवार देगा. दरौली में भाजपा के रामायण मांझी ने माले के सत्यदेव राम को 7006 वोटों से पराजित किया था. अब राजद भी यहां से उम्मीदवार देगा. इसी तरह रघुनाथपुर की सीट तालमेल में राजद के खाते में गयी है. पिछले चुनाव में यहां से भाजपा के बिक्रम कुंवर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने माले के अमरनाथ यादव को 15112 वोटों के अंतर से हराया था. हालांकि इस बार भाजपा ने बिक्रम कुंवर का टिकट काट दिया है.
अरवल में भाजपा के चितरंजन कुमार ने माले के महानंद प्रसाद को 4202 वोटों के अंतर से हराया था. महागंठबंधन में यह सीट राजद की झोली में गयी है. चैनपुर में भाजपा के ब्रजकिशोर बिंद ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बसपा उम्मीदवार अजय आलोक को पराजित किया था. महागंठबंधन में यह सीट जदयू के खाते में गयी है.
17 सीटों पर लोजपा थी दूसरे नंबर पर
पिछले चुनाव में राजद के साथ रही लोजपा 17 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी. पर अब वह भाजपा के साथ है. लोजपा जिन सीटों पर दूसरे नंबर पर थी, वे हैं-रक्सौल, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बथनाहा, बेनीपट्टी, कुशेश्वरस्थान, हायाघाट, बेगूसराय, बखरी, हाजीपुर, सिकटी, बिक्रम, आरा, बोधगया, हिसुआ, राजगीर और कुम्हरार. दूसरे नंबर पर रही लोजपा की ये सीटें महागंठबंधन के तीनों दलों ने आपस में साझा की है.
पांच सीटों पर बड़े अंतर से हुई थी जीत
भाजपा को पांच सीटों पर 50 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत मिली थी. कुम्हरार सीट पर अरुण सिन्हा ने लोजपा के कमाल परवेज को 67808 वोटों के अंतर से पराजित किया था. इस दफे महागंठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी है. पटना साहिब से भाजपा उम्मीदवार नंदकिशोर यादव ने कांग्रेस के परवेज अहमद को 65337 वोटों के अंतर से हराया था.
इस बार राजद वहां से यादव का मुकाबला करेगा. तालमेल में यह सीट उसे मिली है. लखीसराय में भाजपा के विजय सिन्हा ने राजद के फुलैना सिंह को 59620 मतो से पराजित किया था. इस बार वहां मुकाबले में जदयू उतरेगा. सिंह राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो चुके हैं. कोढ़ा में भाजपा के महेश पासवान ने कांग्रेस की सुनीता देवी को 52444 वोटों के अंतर से पराजित किया था.
महागंठबंधन में यह सीट कांग्रेस के पास ही रह गयी है. पटना की बांकीपुर सीट पर भाजपा के नितिल नवीन ने राजद के विनोद श्रीवास्तव को 60 840 वोटों से हराया था. इस बार यहां कांग्रेस अपना उम्मीदवार देगी.
भाजपा को कौन, कहां देगा मुकाबला
भाजपा के मुकाबले राजद के उम्मीदवार 42 स्थानों पर दूसरे नंबर पर थे. इस बार उसके 43 उम्मीदवार इन सीटों पर किस्मत आजमाने जा रहे हैं. कांग्रेस के 23 और जदयू के 19 उम्मीदवार भाजपा के सामने होंगे.
महागंठबंधन का नेतृत्व बदले सामाजिक समीकरण को देखते हुए अधिक चुनौती के साथ मुकाबला देने की उम्मीद रख रहा है. उसने एक-दूसरे के आधार वोट का ट्रांसफर हो जाने की उम्मीद है. उधर, भाजपा पिछले चुनाव की अपेक्षा ज्यादा तीखे तरीके से टक्कर देने के प्रति आशावन है. इसकी वजह लोजपा और रालोसपा के अलावा हम का उसके साथ होना है.