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समधियाने में पहलवानी
समाजवादी पार्टी के मुखिया और लालू-राबड़ी के समधी मुलायम सिंह यादव समिधयाने यानि बिहार के चुनावी अखाड़े में पहलवानी के गुर आजमायेंगे. मुलायम की पार्टी ने बिहार विधानसभा के चुनाव में समधी की पार्टी और उनके गंठबंधन से इतर अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया हैं. न सिर्फ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ताल ठोक कर […]
समाजवादी पार्टी के मुखिया और लालू-राबड़ी के समधी मुलायम सिंह यादव समिधयाने यानि बिहार के चुनावी अखाड़े में पहलवानी के गुर आजमायेंगे. मुलायम की पार्टी ने बिहार विधानसभा के चुनाव में समधी की पार्टी और उनके गंठबंधन से इतर अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया हैं.
न सिर्फ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ताल ठोक कर लालू -नीतीश के उम्मीदवारों से मुकाबला करेंगे . बल्कि, खुद मुलायम अपनी पूरी टीम के साथ चुनाव प्रचार करने भी बिहार आयेंगे. इतना ही नहीं मुलायम के पोते और लालू- राबड़ी के दामाद सांसद तेज प्रताप यादव के निशाने पर महागंठबंधन होगा. समाजपादी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची में सांसद तेज प्रताप यादव का नाम भी शामिल किया है. यादव हार्ट लैंड समाजवादी पार्टी की मुख्य अखाड़ा होगा.
समाजवादी पार्टी ने बिहार में राकांपा, जन अधिकार पार्टी और पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी तथा नागमणि की समरस समाज पार्टी के साथ तीसरा मोरचा बनाया है. यह मोरचा बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर अपने साझा प्रत्याशी उतारेगा. मोरचे में समाजवादी पार्टी को 85 सीटें मिली है.
पहले चरण की 49 सीटों पर होने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी के 19 उम्मीदवार होंगे. समाजवादी पार्टी ने राजध्के बेस वोट यादव और मुसलिम को ही फोकस किया है. पार्टी ने अब तक 19 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इनमें आधा दर्जन यादव और तीन मुसलिम प्रत्याशी हैं. राजद के बड़े नेता रघुनाथ झा ने लखनउ जाकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता हासिल की है.
मंगलवार को पार्टी के नेता और यूपी के सीएम अखिलेश यादव भी पटना आये. उनकी मौजूदगी में महागंठबंधन के 32 पूर्व विधायकों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेने की घोषणा की. सूत्र बताते हैं कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और अखिलेश समेत दूसरे नेताओं की चुनाव के दौरान कई सभाएं भी होंगी. जानकार बताते हैं कि सपा नेताओं के निशाने पर लालू-राबड़ी नहीं होंगे.
बल्कि महागंठबंधन में नीतीश कुमार और कांग्रेस पर उनका हमला होगा. माना जा रहा है कि यूपी के बाद सपा हिंदी पट्टी में भी अपना विस्तार चाहती है. यह अलग बात है कि समाजवादी पार्टी ने 2010 के विधानसभा चुनाव में 146 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे किये थे. इनमें पार्टी को एक भी सीट पर विजयी नहीं मिली और सबके सब उम्मीदवारों कीजमानत जब्त हो गयी थी.
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