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अभी भी एनडीए के सहयोगी दलों को भाजपा से है शिकवा शिकायत !
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए कई सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है. सीट बंटवारे के बाद भी एनडीए के सहयोगी दलों में अंसतोष साफ नजर आ रहा है. जैसे – जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. सहयोगी दलों को अहसास होने लगा है कि उनके पास कार्यकर्ताओं को खुश करने […]
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए कई सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है. सीट बंटवारे के बाद भी एनडीए के सहयोगी दलों में अंसतोष साफ नजर आ रहा है. जैसे – जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. सहयोगी दलों को अहसास होने लगा है कि उनके पास कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए पर्याप्त टिकट नहीं है. एनडीए की सहयोगी पार्टियों में न सिर्फ टिकट बंटवारे को लेकर बल्कि कौन इस गंठबंधन में शामिल होगा इसे लेकर भी पहले से काफी गरमागरमी थी. लोकजनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान और हिंदुस्तान आवाम मोरचा के मुखिया जीतन राम मांझी के बीच की तल्खियां साफ नजर आ रही थी.
पासवान ने एनडीए में हम पार्टी के आने पर कहा था कि अभी वह ट्रायल बेसस पर हैं, तो मांझी ने पासवान के वंशवाद और उनकी राजनीति में दलितों के हितों के लिए किये गये काम पर सवाल खड़ा कर दिया था. हालांकि बाद में भाजपा ने दखल देकर दोनों के बीच सुलह करायी लेकिन सीट बंटवारे के वक्त रामविलास पासवान और भाजपा अध्यक्ष के एकदूसरे को मिठाई खिलाने वाली तस्वीर देखकर मांझी नाराज हो गये. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी अनदेखी की जा रही है और पासवान को दलितों के सबसे बड़े नेता के रूप में पेश किया जा रहा है.
बाद में दोनों के रुख नरम हुए और एक दूसरे को बड़ा भाई छोटा भाई बताकर मामले को शांत करने की कोशिश की. सीट के बंटवारे को लेकर भी दोनों नेता अंसुष्ट नजर आये. चिराग पासवान ने कम सीटों को लेकर भाजपा से शिकायत भी की लेकिन उन्हें मना लिया गया.
कम नहीं हुई है तल्खियां
हिंदुस्तान आवाम मोरचा ने अपनी 20 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया. सीट बंटवारे के बाद जीतन राम मांझी को तीन सीटों की कमी महसूस हुई. मांझी खुद दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं मांझी के इस कदम से लगता है कि वह अपनी जीत किसी भी तरीके से सुनिश्चित करना चाहते हैं. मांझी ने कहा, भाजपा को सीटों के बंटवारे को लेकर एक बार फिर विचार करना चाहिए . मांझी ने जिन तीन सीटों को मांग रखी उनमें इमामगंज, चकाई और दीघा सीट शामिल है.
पार्टी कई उम्मीदवारो को टिकट दिलाने का वादा कर चुकी है ऐसे में उनके लिए पार्टी को कोई फैसला लेना जरूरी भी है और मजबूरी भी जीतन राम मांझी अपने उन समर्थकों को खिसकने नहीं देना चाहते जिनके जीतने की संभवाना है. मांझी ने सीट बंटवारे के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान भी कहा था कि हमें कम सीटें देकर नुकसान एनडीए का ही होगा हमारे पास कई उम्मीदवार हैं जो बिहार चुनाव में आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं हमारी सीटो पर एक बार फिर ध्यान दिया जाना जाहिए. पार्टी के कई उम्मीदवार है जो निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं ऐसे में नुकसान एनडीए का ही होगा. कई जगहों पर उम्मीदवारों का एलान हो चुका है ऐसे में एनडीए के सहयोगी दलों की नाराजगी एक नयी परेशानी खड़ी कर सकती है.
भाजपा नहीं निभा रही गंठबंधन धर्म
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने कल 43 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. उम्मीदवारों के एलान से पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ हंगामा पार्टी के अंदर की स्थिति बताता है. रालोसपा ने इस स्थिति को भांपते हुए भारतीय जनता पार्टी से अपनी नाराजगी प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद जाहिर कर दी. रालोसपा के प्रवक्ता फजल इमाम मलिक ने कहा भाजपा ने महागंठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. उन्होंने एकतरफा उम्मीदवारों का एलान कर दिया. विधानसभा में उम्मीदवारों के एलान के लिए कम से कम सहयोगी दलों को विश्वास में लेना चाहिए था. भाजपा से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मलिक ने कहा, कौन कहां से चुनाव लड़ेगा यह फैसला लेने का अधिकार रालोसपा का है हम अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए सीट तय करेंगे भाजपा नहीं. पार्टी सिर्फ उन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर रही है जिसमें पहले जनता दल यूनाइटेड का कब्जा था. कुल मिलाकर एनडीए को एकजुट करने से लेकर सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के एलान तक एनडीए के सहयोगी दलों में अबतक तल्खी बनी हुई है.
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