27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जानिये कृत्रिम मांस के बारे में

डच वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मांस विकसित करने में कामयाबी हासिल कर ली है. इससे भविष्य में बीफ पर से निर्भरता कम हो सकती है. वैज्ञानिकों ने गाय की मूल कोशिकाएं लेकर यह करिश्मा कर दिखाया है, जो ठीक मांस की तरह होता है. इस संबंध में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि […]

डच वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मांस विकसित करने में कामयाबी हासिल कर ली है. इससे भविष्य में बीफ पर से निर्भरता कम हो सकती है. वैज्ञानिकों ने गाय की मूल कोशिकाएं लेकर यह करिश्मा कर दिखाया है, जो ठीक मांस की तरह होता है. इस संबंध में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह मवेशियों को मारने से बेहतर होगा और इससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम होने के साथ ऊर्जा व पानी की खपत भी घटेगी.

वैसे प्रयोगशाला में मांस तैयार करने की दिशा में पिछले 10 सालों से काम चल रहा है. नीदरलैंड के एक विश्वविद्यालय में इस शोध का नेतृत्व करनेवाले प्रोफेसर मार्क पोस्ट के अनुसार, प्रयोगशाला में बनाया गया मांस प्राकृतिक मांस से जरा भी अलग नहीं है.

इसका स्वाद भी ठीक बीफ जैसा ही है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि इस पर अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, ताकि यह चलन में आ सके. फिलहाल तो इसकी लागत काफी ज्यादा बतायी गयी है, लेकिन बड़े पैमाने पर तैयार किये जाने पर यह 15 पाउंड प्रति किलोग्राम तक की हो सकती है. आने वाले दिनों में थ्री-डी प्रिंटर तकनीक की मदद से इसे बनाना और भी सहज-सरल हो जायेगा.

उल्लेखनीय है कि थ्री-डी प्रिंटर में खाने-पीने की चीजें उसके इन्ग्रेडिएंट्स का इस्तेमाल कर बनायी जा सकती है. कई वैज्ञानिकों का दावा है कि वे चीकन भी प्रयोगशाला में बना सकते हैं और इस दिशा में वे शोध कर रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें