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नौ साल में नहीं बना घोरघट पुल, बेली ब्रिज भी क्षतिग्रस्त
लंबी दूरी तय कर बस व ट्रक पहुंचते हैं मुंगेर मुंगेर व भागलपुर सहित पूर्वोत्तर बिहार को जोड़ने वाला घोरघट का पुल कब बनेगा? विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा है. राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर अवस्थित यह पुल पिछले नौ वर्षो से भूमि अधिग्रहण के पेंच में फंसा है और मुंगेर व भागलपुर का […]
लंबी दूरी तय कर बस व ट्रक पहुंचते हैं मुंगेर
मुंगेर व भागलपुर सहित पूर्वोत्तर बिहार को जोड़ने वाला घोरघट का पुल कब बनेगा? विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा है. राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर अवस्थित यह पुल पिछले नौ वर्षो से भूमि अधिग्रहण के पेंच में फंसा है और मुंगेर व भागलपुर का एक बड़ा इलाका पूरी तरह यातायात के मामले में टापू सा बन गया है.
आज भागलपुर, नवगछिया, पूर्णिया, कहलगांव से कोई भी बड़ा वाहन राष्ट्रीय उच्च पथ के माध्यम से मुंगेर नहीं आ सकता. फलत: मुंगेर में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत ट्रांसपोर्टिग के कारण अधिक है.
2006 में क्षतिग्रस्त हुआ था पुल
वर्ष 2006 में जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने काफिले के साथ सुलतानगंज श्रवणी मेला का उद्घाटन करने जा रहे थे तो उसी दौरान उनके काफिले से यह पुल धंस गया था. पुल की स्थिति यह हो गयी कि यह वाहनों का लोड सहने लायक नहीं बचा और इस पुल पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी. आज बड़ा वाहन सुलतानगंज से तारापुर, गंगटा व जमुई के रास्ते लखीसराय व मुंगेर आती है. महज 28 किलोमीटर की दूरी आने के लिए लगभग 200 किलोमीटर घुमना पड़ता है.
खो गया एनएच का अस्तित्व
राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर स्थित घोरघट ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के बाद सरकार ने इस पर बेली ब्रिज का अस्थायी तौर पर निर्माण कराया. वाहनों के दबाव के कारण बेली ब्रिज भी कमजोर व क्षतिग्रस्त हो गया है तथा इस पर सिर्फ छोटे वाहनों का परिचालन हो रहा. हाल यह है कि राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर ट्रक व बसें नहीं चलती.
(इनपुट : राणा गौरीशंकर, मुंगेर)
क्या है पेच
घोरघट पुल निर्माण में पेंच ही पेंच है. कार्य प्रारंभ होने के साथ ही भूमि अधिग्रहण के लिए कार्य कर रही एजेंसी ने आवेदन दिया. लेकिन अबतक सरकार भूमि अधिग्रहण नहीं कर पायी. जिसके कारण निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है. बताया जाता है कि 68 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है.
जिस पर लगभग 35 परिवार रह रहे है. बिना मुआवजा के लोग भूमि से हटने को तैयार नहीं हुआ और न्यायालय की शरण में चले गये. न्यायालय ने मुआवजा दिये बिना अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. जिसके बाद जिला प्रशासन ने पथ निर्माण अधियाची विभाग से मुआवजे की राशि का डिमांड किया.
टापू बना मुंगेर, अर्थव्यवस्था प्रभावित
घोरघट बेली ब्रिज पर मुंगेर की अर्थव्यवस्था टिकी हुई थी. जब से ब्रिज क्षतिग्रस्त हुआ है, अर्थ व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो गयी है. क्योंकि भागलपुर के रास्ते ही मुंगेर में खपत होने वाले खाद्यान्न, गैस, पैट्रोलियम पदार्थ सहित अन्य समान मुंगेर बाजार पहुंचता था.
भूमि अधिग्रहण में अटका मामला
घोरघट पुल के भूमि अधिग्रहण का कार्य समय पर नहीं होने के कारण पुल नहीं बन पाया. जिन लोगों का भूमि अधिग्रहण होना था वे लोग न्यायालय चले गये. जिससे न्यायिक फैसले तक कार्य रूक गया. अब शीघ्र ही भूमि अधिग्रहण कर पुल का निर्माण शुरू किया जायेगा.
अनंत कुमार सत्यार्थी, विधायक
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