वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में शिरकत के लिए भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के अगले कुछ दिनों में न्यूयार्क रवाना होने से दोनों के बीच मुलाकात की संभावना पैदा होने पर अमेरिका ने कहा है कि बैठक के समय और जगह के बारे में दोनों नेताओं को फैसला करना है लेकिन वह उन दोनों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, ‘उन्हें (भारत और पाकिस्तान के नेताओं को) तय करना होगा कि (बैठक के लिए) कौन सी जगह ठीक रहेगी और क्या समय होना चाहिए. हम निश्चित तौर पर इसका स्वागत करेंगे. चाहे यह संयुक्त राष्ट्र के इतर हो या अन्य जगह और वक्त पर हो. असल में दोनों देशों को तय करना होगा.’
खास तौर पर यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका चाहेगा कि दोनों प्रधानमंत्री न्यूयार्क में मुलाकात करें, उन्होंने दोहराया कि समय और जगह तथा इसकी प्रकृति के लिए उन्हें फैसला करना है. ‘इसलिए मुझे नहीं लगता है कि यह हमारे लिए ठीक है कि उस पर कुछ कहें.’ भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच किसी संभावित बैठक के बारे में अब तक कोई संकेत नहीं दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंध को ‘बेहद जटिल’ बताते हुए बिस्वाल ने कहा कि अमेरिका उत्साहित है कि दोनों नेता ठोस वार्ता को आगे बढाने और उसमें भागीदारी के लिए अवसर चाह रहे हैं.
दक्षिण और मध्य एशिया के लिए ओबामा प्रशासन की अहम शख्सियत बिस्वाल ने कहा, ‘हमें निराशा हुयी कि एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) वार्ता नहीं हो पायी. मैं समझती हूं कि बेहद जटिल चीजें हैं. हमारा अब भी मानना है कि सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच ठोस संबंधों की जरुरत है.’ उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों को इसे आगे बढाना है और हम हमेशा से कहते रहे हैं कि यह भारत और पाकिस्तान को तय करना है कि कैसे और कहां भागीदारी करनी है. लेकिन हमें लगता है कि उन्हें भागीदारी की जरुरत है. और हम उनके प्रयासों का समर्थन करेंगे. देश जो भी करता है हम उसका समर्थन करने को इच्छुक रहेंगे. लेकिन यह उनको (तय) करना है.’
बिस्वाल ने इंकार किया कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के नेताओं की मुलाकात पर जोर दे रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं कहूंगी कि असल में हम जोर दे रहे हैं. यह दोनों देशों की तरफ से होना चाहिए लेकिन निश्चित तौर पर हम इसका स्वागत करेंगे, समर्थन करेंगे और इसे बढावा देंगे.’ जब यह पूछा गया कि भारत में आतंकी हमले कराने वाले साजिशकर्ता पाकिस्तान में खुले घूम रहे हैं, उन्होंने कहा कि अमेरिका का स्पष्ट मानना है कि वह समूचे क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ है. बिस्वाल ने कहा, ‘भारत को काफी नुकसान झेलना पडा है. आतंकियों से अमेरिका को नुकसान झेलना पडा है. और पाकिस्तान में बडी संख्या में लोग हताहत हुए हैं. इसलिए यह हम सब पर है कि चरमपंथ और आतंकवाद से मुकाबला करें और आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाएं और हम उन मुद्दों पर गहरी भागीदारी करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, हमने पाकिस्तानी सरकार की तरफ से अपनी सीमाओं के भीतर इससे मुकाबला करने और आतंकवाद से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है लेकिन स्पष्ट है कि वहां और कुछ किये जाने की जरुरत है.’ उन्होंने कहा, ‘हम उनकी चर्चाओं के लिए अपने रुख को लेकर स्पष्ट हैं और हम किसी अच्छे या बुरे आतंकवादी में भेद नहीं करते हैं. आतंकवाद की सारी करतूत और उन हरकतों के लिए सारे समूह जो जिम्मेदार हैं, उनके बारे में हमारा मानना है कि उनके प्रति स्पष्ट रुख होना चाहिए.’