नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के लिए राजग के घटक दलों में वार्ता का दौर जारी है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं महादलित नेता जीतन राम मांझी ने उन्हें पेश की गई सीटों की संख्या पर भाजपा के साथ मतभेदों को आज तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि वह परेशान नहीं हैं.
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परेशान नहीं हूं, सीटों के बंटवारे पर जारी है बातचीत : जीतन राम मांझी
नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के लिए राजग के घटक दलों में वार्ता का दौर जारी है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं महादलित नेता जीतन राम मांझी ने उन्हें पेश की गई सीटों की संख्या पर भाजपा के साथ मतभेदों को आज तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि वह परेशान नहीं […]
मांझी की पार्टी हम के सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी को कल के मुकाबले आज ज्यादा सीटों की पेशकश की गयी. वे किसी सकारात्मक नतीजे के प्रति आशावान दिखे.इस बीच, बिहार चुनाव के प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार समेत वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने महादलित नेता से यहां मुलाकात की.
उधर, मांझी को शांत करने की कोशिशें तेज करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं भूपेन्द्र यादव ने भी महादलित नेता से मुलाकात की। भाजपा अपने दो सहयोगी राम विलास पासवान नीत लोजपा और उपेन्द्र कुशवाहा नीत आरएलएसपी के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे चुकी है.
कल मांझी ज्यादा सीटों की अपनी मांग पर डटे रहे. इसके बाद बैठकों और सलाह-मश्विरे का दौर चला, फिर भी भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रुप नहीं दे सकी.
सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री ने कल भाजपा अध्यक्ष से उनके आवास पर दो बार मुलाकात की और सीटों के बंटवारे पर बातचीत की.
समझा जाता है कि महादलित नेता ने अपनी पार्टी हमको मिली 15 सीटों पर कल नाराजगी जताई. हम को तकरीबन 15 सीटों की पेशकश की गई थी और उनके वफादार पांच निवर्तमान विधायकों को कहा गया था कि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लडें.
समझा जाता है कि भाजपा कुल 243 सीटों में से 160 सीटों पर चुनाव लडना चाहती है. आरएलएसपी को 25 सीटों की पेशकश की जा रही है जबकि लोजपा को तकरीबन 40 सीटों की पेशकश की गई है.
सीटों के बंटवारे को मानने से महादलित नेता के इनकार के बाद भाजपा के बिहार कोर समूह ने कल देर रात बैठक की.इस बीच, सीटों के बंटवारे को ले कर राजग में अंतर्कलह पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जब किसी उसूल के बिना और अवसरवाद के लिए गठबंधन होता है तो ऐसी चीजें होती हैं.
सिंघवी ने कहा, यह अंतर्विरोध का आगाज है. आगे आगे देखिए होता है क्या. निजी महत्वाकांक्षा और सत्ता के लोभ पर आधारित ऐसे गठबंधन नहीं टिकते. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, जब आप इस तरह के गठबंधन के लिए जाते हैं, ये अंतर्विरोध बाहर आ जाते हैं, जो अंत का आरंभ है. लोग उन्हें मुंहतोड जवाब देंगे.
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