मक्का : सउदी अरब के नागरिक रक्षा निदेशालय ने शनिवार को कहा कि तेज हवा की वजह से भारी क्रेन मक्का की ग्रैंड मस्जिद पर गिरी और दो भारतीय समेत कम से कम 107 लोगों की जान चली गयी. यह हादसा वार्षिक हज शुरु होने से महज कुछ दिन पहले हुआ है. इस्लाम में बेहद पवित्र माने जाने वाले इस नगर में कल दोपहर भयंकर आंधी की वजह से आयी यह आपदा हाल के वर्षों में हज के आसपास हुई भीषण घटना है. इसी महीने बाद में हज शुरु हो रहा है.
सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें सामने आयी हैं वे दिल दहला देने वाली है. क्रेन का मलबा मस्जिद की छत पर गिरा और उसका हिस्सा भी टूट गया. नीचे खून से लथपथ शव बिखरे पड़े हैं और जो लोग बच गये, वे रोते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं. नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक सुलेमान बिन अब्दुल्लाह अल अमरो ने सेटेलाइट प्रसारक अल अरबिया से कहा कि इस क्रेन को ध्वस्त कर देने वाली असामान्य रुप से ताकतवर हवा ने इलाके में जगह जगह पेड़ों को उखाड़ डाला.
महानिदेशक ने इस रिपोर्ट से इनकार किया कि आसमान से बिजली गिरने से लाल और सफेद रंग की क्रेन ध्वस्त हो गयी या फिर जो लोग मारे गये, उनमें से कुछ की मौत भगदड़ की वजह से हुई. क्रेन मस्जिद के विस्तार कार्यक्रम के लिये इस्तेमाल में लायी जा रही थी. उन्होंने कहा, हवा की रफ्तार सामान्य नहीं थी. लोगों को कतई अंदेशा नहीं था कि क्रेन गिर सकती है. नागरिक रक्षा आंकड़ों के अनुसार कम से कम 238 लोग इस हादसे में घायल हुए. वैसे प्रशासन ने इस हादसे में जान गंवाने वालों की राष्ट्रीयता नहीं बतायी है, लेकिन ऐसा लगता है कि हताहतों में बहुत से देशों के लोग शामिल हैं.
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने इस हादसे पर शोक प्रकट किया है और कहा कि अमेरिका इस्लाम के पवित्र स्थलों में से एक में हुई इस दुखद घटना की घड़ी में सउदी अरब और दुनियाभर के मुसलमानों के साथ है. सरकारी आंकड़े के अनुसार इस साल की हजयात्र के लिये करीब 910,000 जायरीन पहुंच चुके हैं. सरकारी सउदी प्रेस एजेंसी के अनुसार मक्का और मदीना मजिस्द मामले के प्रेसीडेंसी के प्रवक्ता अहमद बिन मोहम्मद अल मंसूरी ने एक बयान में कहा कि क्रेन काबा के वृताकार क्षेत्र और समीप के मार्ग में गिरी.
मक्का में ग्रैंड मस्जिद के एक भाग का 4,00,000 वर्ग मीटर तक विस्तार करने के लिये व्यापक परियोजना चल रही है ताकि वहां एक बार में बड़ी संख्या में लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सके. हर मुसलमान अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करने का आकांक्षी रहता है.