28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कई मंत्रियों पर किस्मत मेहरबान

बिहार सरकार ने शासन में पारदर्शिता के ख्याल से कर्मचारियों, अधिकारियों और मंत्री-विधायकों की संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा की परिपाटी वर्ष 2010 से शुरू की. इसका मकसद था कि लोग जानें कि उनके नुमाइंदों के पास कितनी संपत्ति है. बिहार विघानसभा चुनाव के मौके पर इसकी अहमियत बढ़ गयी है. चुनाव पर नजर रखने वाली […]

बिहार सरकार ने शासन में पारदर्शिता के ख्याल से कर्मचारियों, अधिकारियों और मंत्री-विधायकों की संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा की परिपाटी वर्ष 2010 से शुरू की. इसका मकसद था कि लोग जानें कि उनके नुमाइंदों के पास कितनी संपत्ति है. बिहार विघानसभा चुनाव के मौके पर इसकी अहमियत बढ़ गयी है.
चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था इलेक्शन वाच ने हाल ही में मंत्रियों की संपत्ति का ब्योरा जारी किया है. इसमें बताया गया है कि इन चार वर्षो में किस मंत्री की संपत्ति में कितनी बढ़ोतरी हुई है. बताते चले कि 2005 में आठ करोड़पति विधायक थे और 2010 में करोडपति विधायकों की संख्या 48 हो गई, जो कुल विधायकों की संख्या का 20 प्रतिशत हिस्सा है.
पटना : नेशनल इलेक्शन वाच ने बिहार के मंत्रियों की संपित्त का ब्योरा जारी किया है. 2010 से 2014 के बीच मंत्रियों की संपत्ति में हुई वृद्धि का ब्योरा जारी करते हुए संस्था ने बताया है कि बिहार सरकार के 22 मंत्रियों में से 13 करोड़पति हैं. इनकी संपत्ति एक करोड़ रु पये से अधिक है. एक मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव की संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध नहीं है.
जारी रिपोर्ट के अनुसार सबसे अमीर मंत्री शिक्षा मंत्री पीके शाही हैं. शाही द्वारा सौंपे गये ब्योरे के मुताबिक उनकी संपत्ति 7.29 करोड़ है. इसमें चल-अचल सभी तरह की संपत्ति है. शाही के बाद अधिक संपत्ति वाले मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं. इन्होंने अपनी संपत्ति 5.40 करोड़ रु पये की बतायी है. तीसरे नंबर पर 3.56 करोड़ की संपत्ति अवधेश प्रसाद कुशवाहा की है.
दूसरी तरफ, दो मंत्री ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति पहले की अपेक्षा घट गयी है. हालांकि इसकी वजह नहीं बतायी गयी है. ये मंत्री हैं – मनोज सिंह कुशवाहा और डॉ जावेद इकबाल अंसारी. डॉ अंसारी की संपत्ति 75.14 लाख से घट कर 8.86 लाख रुपये हो गयी है. श्री कुशवाहा के पास 11.91 लाख की संपत्ति है.
इलेक्शन वाच ने मंत्रियों की देनदारी का भी ब्योरा जारी किया है. जारी ब्योरा में बताया गया है कि 16 मंत्रियों ने देनदारी की घोषणा की है. इसमें पीके शाही ने सबसे अधिक 1.05 करोड़ रु पये की देनदारी की घोषणा की है.
इनके बाद मनोज कुमार कुशवाहा ने 71.45 लाख रु पये की देनदारी की घोषणा की है. तीसरे नंबर पर देनदारी की घोषणा करने वालों में रंजू गीता ने 48.38 लाख रु पये की घोषणा की है. देनदारी की घोषणा करने वाले राज्य के कई अन्य मंत्री हैं.
दो लगातार वर्षों में जिन मंत्रियों ने संपत्तियों में अधिकतम वृद्धि की है, उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2012 से 2013 के बीच संपत्ति में अधिकतम वृद्धि की है, जो 7306356 रु पये हैं. इसके बाद परिवहन मंत्री रमई राम हैं, जिन्होंने 6566063 रु पये की वृद्धि की घोषणा की है. तीसरे नंबर पर योजना एवं विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव हैं. उन्होंने 6353191 रु पये की संपत्ति की घोषणा की है. रमई राम 1.28 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं.
नरेंद्र नारायण यादव की संपत्ति की सबसे अधिक वृद्धि दर 243 प्रतिशत के साथ 1.34 करोड़ रु पये हुई है. इसके बाद डॉ विनोद प्रसाद यादव की संपत्ति 83.57 लाख रु पये की हो गयी है.
इनकी संपत्ति में वृद्धि दर 230 प्रतिशत हुई है. तीसरे नंबर पर श्रम एवं नियोजन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी आते हैं. इनकी संपत्ति 224 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1.04 करोड़ रुपये हो गयी है. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्याम रजक की भी संपत्ति पहले की अपेक्षा बढ़ी है.
जानिए 2010 से 2014 के बीच कितनी हुई बढ़ोतरी
मंत्री का नाम 2010 में घोषित संपत्ति 2014 में घोषित संपत्ति वृद्धि प्रतिशत में
नरेंद्र नारायण यादव 39.14 लाख 1.34 करोड़ 243
डॉ विनोद प्र यादव 25.32 लाख 83.57 लाख 230
दुलाल चंद्र गोस्वामी 32.07 लाख 1.04 करोड़ 224
रमई राम 61.94 लाख 1.28 करोड़ 207
नौशाद आलम 22.54 लाख 69.30 लाख 207
रंजू गीता 87.59 लाख 1.47 करोड़ 169
श्याम रजक 63.59 लाख 1.19 करोड़ 88
राम लषण राम रमण 36.09 लाख 67.66 लाख 87
विजय कुमार चौधरी 62.80 लाख 1.09 करोड़ 75
श्रवण कुमार 1.83 करोड़ 2.81 करोड़ 54
अवधेश प्र. कुशवाहा 2.83 करोड़ 3.56 करोड़ 26
मनोज सिंह कुशवाहा 40.90 लाख 11.91 लाख -71
डा जावेद इकवाल अंसारी 75.14 लाख 8.86 लाख -88
बांका से आने वाले डा जावेद इकवाल अंसारी कीसंपत्ति में सबसे अधिक कमी बताया गया है. इनकी संपत्ति में 66 लाख रु पये से अधिक (88}) की कमी दर्ज किया गया है.
2010 में
मंत्रियों द्वारा घोषित संपित्त में औसत 78 लाख 970 रु पये की वृद्धि होना बताया गया है. मंत्रियों द्वारा 2014 में घोषित संपित्त के अनुसार औसत संपत्ति 1.36 करोड़ से अधिक बताया गया है. इस प्रकार इनकी संपत्ति में औसत वृद्धि 54 लाख रु पये से अधिक यानी 75 प्रतिशत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें