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केवल विकास के मुद्दों पर ही लड़ें चुनाव

ऋषिकेश पांडेय अमेरिका से शिक्षित, सबल एवं आत्मनिर्भर बिहार का निर्माण ही नवीन सरकार से मेरी अपेक्षा है. यदि हम इतिहास के पन्नों को पलटें, तो विज्ञान से कला तक, अर्थशास्त्र से राजनीति तक बिहार अतीत काल से ही ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्रों में सदैव अग्रणी रहा है. चाहे आर्यभट का शून्य का अविष्कार […]

ऋषिकेश पांडेय
अमेरिका से
शिक्षित, सबल एवं आत्मनिर्भर बिहार का निर्माण ही नवीन सरकार से मेरी अपेक्षा है. यदि हम इतिहास के पन्नों को पलटें, तो विज्ञान से कला तक, अर्थशास्त्र से राजनीति तक बिहार अतीत काल से ही ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्रों में सदैव अग्रणी रहा है.
चाहे आर्यभट का शून्य का अविष्कार हो, जिसने विश्व को गिनती करना सिखाया, या फिर चाणकय का अर्थशास्त्र हो, जो आज भी गूढ़ ज्ञान के लिए संदर्भ के रूप में प्रयोग होता है, बिहार का गौरवशाली इतिहास हम भारतीयों को सदैव प्रेरित करता रहा है.
वर्तमान में भी शायद कोई ही ऐसा क्षेत्र हो जहां बिहार के बेटों और बेटियों ने ज्ञान, कौशल और नेतृत्व क्षमता के बल पर देश और विदेशों में अपना परचम न लहराया हो.
सही मायने में देखा जाये, तो बिहार में प्रतिभा की खान है, लेकिन इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहें कि आजादी के बाद से अब तक इस प्रतिभा को उचित मंच उपलब्ध नहीं कराया जा सका. ऐसे में इस बार के चुनाव मुद्दे में युवाओं के लिए अवसर का भी उल्लेख होना जरूरी है, ताकि युवा यह जान सकें कि आखिर राजनीतिक दल उन्हें अवसर मुहैया कराने की दिशा में कितने गंभीर हैं.
मेरे अनुसार चुनावी मुद्दा उन विषयों से संबद्ध होना चाहिए, जो बिहारवासियों के हुनर और प्रतिभा को निखारे एवं उचित संसाधन प्रदान करे, ताकि उनके जीवन और मानसिक स्तर में सुधार हो. मेरा सभी राजनीतिक दलों से यही अनुरोध है कि वे ऐसा कोई भी विषय न उठाएं, जो एक बिहारी को दूसरे बिहारी से अलग करे. चाहे वह जाति, धर्म या संप्रदाय हो या फिर सामाजिक समता, समरसता और सौहार्द को ठेस पहुंचानेवाला हो.
इन चीजों को उठाने से सभी दलों को बचना चाहिए. जैविक उत्पादों की महत्ता और मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. बिहार को चाहिए कि वह जैविक अन्न, सब्जियां तथा फलों के उत्पादन पर ध्यान दे और विदेशों में भी जैविक पदार्थो का निर्यात करे एवं जैविक कृषि में भारत का नेतृत्व करे. बिहार सरकार का यह कर्तव्य है कि वह इस दिशा में ठोस पहल करे. आखिर बिहार हमेशा केंद्र सरकार के सामने हाथ क्यों फैलाये. हमारे पास जो संसाधन हैं, हम उनका उपयोग क्यों न करें और राज्य में समृद्धि लाने की कोशिश करें.
मेरे हिसाब से विकास से संबंधित जो मुद्दे हैं, उन्हें सभी राजनीतिक दलों को अपने चुनावे एजेंडे में जरूर शामिल करना चाहिए. आगामी बिहार सरकार को चाहिए कि विश्व भर में फैले बिहार के मूल निवासियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए प्रयत्न करे, ताकि प्रवासी नागरिक बिहार के विकास में सहयोग दे सकें.
इस संदर्भ में विशिष्ट तथा उत्कृट सेवा के लिए बिहार मूल के लोगों को पुरस्कृत करें, ताकि आम बिहारवासी प्रोत्साहित और गौरवान्वित महसूस करते रहें. मेरी यही कामना है कि सभी को अच्छी शिक्षा मिले. यहां की प्रतिभा दुनिया भर में राज्य और देश का नाम रोशन करे. बिहार सबल और आत्मनिर्भर बने, ताकि आनेवाले दिनों में दिल्ली और मुंबई में बिहारी कहने में गर्व का अनुभव हो.

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