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बहुमत नहीं जुटा तो दिया इस्तीफा

वर्ष 2000 में नीतीश कुमार ने सरकार गठन की पहल की. मुख्यंत्री भी बने, लेकिन बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाने के कारण उन्हें सात दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा. तब 324 सदस्यीय विधानसभा में राजद 124 सीटें लेकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा था. भाजपा को 67 और समता पार्टी को […]

वर्ष 2000 में नीतीश कुमार ने सरकार गठन की पहल की. मुख्यंत्री भी बने, लेकिन बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाने के कारण उन्हें सात दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा. तब 324 सदस्यीय विधानसभा में राजद 124 सीटें लेकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा था. भाजपा को 67 और समता पार्टी को 34 सीटें मिली थीं. समता पार्टी और भाजपा के बीच चुनावी गंठबंधन था.
चूंकि सरकार गठन का जादुई आंकड़ा किसी दल के पास नहीं था, ऐसे में एनडीए (समता पार्टी व भाजपा) की सरकार के गठन के लिए नीतीश ने पहल की. कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी उन्हें समर्थन दिया. इसके बावजूद वह बहुमत नहीं जुटा पाये. तीन मार्च, 2000 को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. दस मार्च को विधानसभा का सत्र बुलाया गया था. सदन शुरू ही होने वाला था कि नीतीश कुमार राजभवन गये और अपना इस्तीफा सौंप दिया. फिर उसी साल मई में नीतीश कुमार केंद्र में दोबारा मंत्री बनाये गये.

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