सहरसा नगर. सहरसा के ऐतिहासिक पटेल मैदान में मंगलवार को पीएम ने कहा कि बिहार में कुछ लोगों ने बोलना शुरू कर दिया था कि मोदी कहते हैं, लेकिन करते कुछ नहीं हैं. पिछले दो बार से आते हैं और चले जाते हैं. लेकिन उन्हें शायद यह नहीं पता कि संसद के चालू सत्र के दौरान ऐसा नहीं होता. संसद की भी एक गरिमा होती है. इससे पहले आरा में कार्यक्रम था, वहां मैंने बिहार के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी है. इसके अलावा बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए 40 हजार करोड़ रुपये अलग से दिया गया है.
इस राशि से बिहार की शक्ल व सूरत दोनों बदल जायेगी. मोदी ने कहा कि हवा के रूख से ही पता चल रहा है कि इस बार माहौल परिवर्तन का है. बिहार बदलाव की राह पर चल पड़ा है.हाफ क्रीम कलर का कुरता पहने मोदी ने कहा कि अहंकार में डूबे लोगों को कोसी की क्या पूरे बिहार की चिंता नहीं है. कोसी की चिंता होती, तो इस समस्या का समाधान ढ़ूंढ़ने की कोशिश करते. इस समस्या का समाधान नेपाल में है. मैंने इसके लिए पहल की. 17 वर्षो के बाद कोई प्रधानमंत्री नेपाल गया था, क्योंकि कोसी की समस्या का समाधान नेपाल में बैठ कर योजना बना कर ही किया जा सकता है. आज नेपाल भाई की तरह कंधे से कंधा मिला कर साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि बिहार के सात-आठ जिले के 35 लाख परिवार बरबाद हो गये थे.
यहां के खेत बालू से भर गये थे. गांव विनाश के कगार पर खड़ा हो गया था. न धरती बची थी और न आसमान रुकने को तैयार था. जन-जन मुसीबत ङोल रहा था. कोसी के अनेक परिवार गुजरात में बसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि उस समय मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. जब त्रसदी की खबर सुनी, तो रहा नहीं गया. गुजरात के लोगों ने अपने पसीने की कमाई का पांच करोड़ का चेक बिहार सरकार को भेजा, लेकिन अहंकार में डूबे लोगों ने रुपये लौटा दिये. भीड़ से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे अहंकारी लोगों को रहना चाहिए कि जाना चाहिए. इधर, शहर से दूर ही सवारी गाड़ियों को बंद कर दिये जाने से लोगों को पैदल चल कर आते हुए काफी समस्याएं हुईं. सुबह से गरमी का आलम था, बारिश के बाद थोड़ी राहत मिली. भाजपा कार्यकर्ता मैदान की ओर जाती भीड़ के बीच भाजपा की टोपी बांटते रहे.