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महिलाओं को स्वरोजगार और सम्मान दिलाने में जुटी सुनीता

!!अमिताभ कुमार!!रांची से करीब 15 किमी दूर बाढ़ू पंचायत को आदर्श ग्राम के रूप में जाना जाता है. यह पंचायत कांके प्रखंड के अंतर्गत आता है. यहां की मुखिया सुनीता देवी के अथक प्रयास के फलस्वरूप इस गांव को आदर्श गांव का दर्जा मिला है. उनके इस काम को देखते हुये उन्हें झारखंड पंचायत महिला […]

!!अमिताभ कुमार!!
रांची से करीब 15 किमी दूर बाढ़ू पंचायत को आदर्श ग्राम के रूप में जाना जाता है. यह पंचायत कांके प्रखंड के अंतर्गत आता है. यहां की मुखिया सुनीता देवी के अथक प्रयास के फलस्वरूप इस गांव को आदर्श गांव का दर्जा मिला है. उनके इस काम को देखते हुये उन्हें झारखंड पंचायत महिला प्रतिनिधि सम्मान से भी नवाजा गया है. बाढ़ू पंचायत में 11 वार्ड हैं.

सुनीता ने अपने पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी वार्ड के लोगों को अपने काम से प्रभावित किया है. वे आगे बढ़कर अपने पंचायत में और भी काम करना चाहती हैं मगर सरकार के द्वारा वित्त उपलब्ध नहीं होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पा रही हैं. सुनीता का सपना है कि पूरे झारखंड के अलावा भारत में उनके पंचायत को एक आदर्श के रूप में पहचान मिले.

गांव में विकास कार्यक्रम
गांव की मुखिया सुनीता देवी ने पंचायत के सभी वार्डो में 100-100 फीट लंबी पीसीसी सड़क का निर्माण कराया है. हालांकि यह काफी नहीं है अभी भी पंचायत में सड़क की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है. इसके लिए मुखिया अपनी ओर से प्रयास कर रही हैं. वे पूरे पंचायत की सड़क को पीसीसी बनवाना चाहती हैं. इसके साथ ही उन्होंने पंचायत में प्रज्ञा केंद्र खुलवाया है. जिससे लोगों को काफी सुविधा हुई है. सुनीता ने अपने पंचायत में करीब 125 लोगों को जॉब कार्ड उपलब्ध कराया है जिससे उन्हें रोजगार गारंटी के तहत काम भी मिल जाता है और समय पर पैसे भी. अब लोगों को काम खोजने के लिए गांव के बाहर नहीं जाना पड़ता है. इनकी मदद से गांव में करीब 50 लोगों को इंदिरा आवास उपलब्ध कराये गये.

महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा किया
सुनीता ने पंचायत की महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने की मुहिम छेड़ रखी है. इसके तहत उन्होंने नयाटोली भागलपुर में महिलाओं के लिए सिलाई-कढ़ाई केंद्र खोला है. इसमें महिलाओं को सिलाई कढ़ाई के माध्यम से स्वरोजगार के तरीके सिखाये जाते हैं. इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाकर सुनीता इसमें और भी कार्यक्रमों को जोड़ना चाहती हैं. इसके लिए इन्होंने कई गैर सरकारी संस्थाओं से बात भी की है. सुनीता का एक और लक्ष्य महिलाओं को साक्षर बनाना है. उनका कहना है कि महिलाओं के निरक्षर होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. महिला समूहों में भी आजकल साक्षर महिलाओं को ही जोड़ने का काम चल रहा है. इस कारण वैसी महिलाएं जो पढ़ लिख नहीं सकती पीछे रह जा रही हैं. अत: उन्हें साक्षर बना कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना उनका एक सपना है जो वो किसी भी हालत में पूरा करेंगी.

शौचालय का निर्माण करवाया
गांव में शौचालय की व्यवस्था करवाना सुनीता की एक बड़ी उपलब्धि है. गांव में मनरेगा और पीएचडी के माध्यम से शौचालय बनवा रही हैं. तीन वार्ड में इसका निर्माण कार्य प्रगति पर है. शौचालय की व्यवस्था हो जाने से गांव की महिलाएं काफी खुश हैं. इस संबंध में जल सहिया मंजू देवी का कहना है कि शौचालय के निर्माण हो जाने से गांव की महिलाओं को सुविधा होगी. हमें खुले में शौच जाना पड़ता है. जिससे असुरक्षा की भावना मन में बनी रहती है. सुनीता देवी गांव की महिलाओं के लिए अच्छा काम कर रही है. उम्मीद है कि भविष्य में भी वे महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करेंगी.

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