
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि पार्टी संसद में विरोध तब तक ख़त्म नहीं करेगी जब तक सरकार विवादों में घिरे मंत्री-मुख्यमंत्रियों के इस्तीफ़े नहीं ले लेती.
पार्टी के संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "पहले इस्तीफ़ा और फिर बहस का सिद्धांत भाजपा ने ही तय किया और यूपीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान इसे कम से कम 5 बार इस्तेमाल किया था. हम तो उसी का अनुसरण कर रहे हैं.’
सोनिया गांधी ने सवाल उठाया, "प्रधानमंत्री विदेश मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों की कारग़ुज़ारी पर चुप क्यों हैं? मन की बात के चैंपियन ने मौन व्रत क्यों धारण किया हुआ है?”
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बहुमत की ताकत को ज़िम्मेदारी से निभाने की जगह उससे मनमानी करना चाह रही है.

उन्होंने कहा, "सरकार जांच की जगह केवल बहस से काम चलाना चाह रही है. हम सबूतों के साथ अहम मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन सरकार का इरादा कोई कार्रवाई करने का नहीं है."
प्रधानमंत्री पर सीधे निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने उन्हें ‘मात्र कुशल रीपैकेजर, सेल्समैन, न्यूज़ मैनेजर और हेडलाइन बनाने वाला’ बताया.
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