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पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संस्थाओं की अपील के बावजूद हत्या के दोषी शफ़क़त हुसैन को फांसी दे दी है.
शफ़क़त हुसैन को मंगलवार सुबह कराची जेल में फांसी दे दी गई.
उसे साल 2004 में एक बच्चे को अग़वा करने और उसकी हत्या करने का दोषी पाया गया था.
हुसैन के वकीलों का कहना है कि जुर्म के वक़्त उसकी उम्र 14 साल थी और पुलिस ने उससे जबरन ये इलज़ाम क़बूल करवाया था.
लेकिन प्रशासन का कहना था कि वो उस समय नाबालिग़ नहीं था. इससे पहले चार बार फांसी दिए जाने से एकदम पहले, मानवाधिकार संगठनों के दबाव के कारण सज़ा टाल दी गई थी.
परिवार से मुलाक़ात
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उसे सोमवार को अपने परिवार से मिलने की इजाज़त दी गई.
पाकिस्तान में 2008 से फांसी देेने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन पिछले साल दिसंबर में पेशावर में स्कूल पर हुए हमले के बाद मौत की सज़ा पर से पाबंदी हटा ली गई है.
स्कूल पर तालिबान के हमले में बच्चों समेत 150 लोगों की मौत हो गई थी.
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