मोबाइल फोन आज सभी की जरूरत बन चुका है. इसके बढ़ते प्रयोग ने मोबाइल रिपेयरिंग के काम को स्वरोजगार का बेहतरीन विकल्प बना दिया है. इस काम की शुरुआत के लिए आपको कोई बड़ी राशि की जरूरत भी नहीं पड़ती. आइये जानते हैं, कैसे करें इस काम की शुरुआत.
जानकारी होना है जरूरी
इन दिनों हर शहर में सैकड़ों ऐसे इंस्टीट्यूट उपलब्ध हैं, जो मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग देते हैं. आइटीआइ यानी इंडिया ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट इनमें से एक है. वैसे तो मोबाइल रिपेयरिंग में अभी तक कोई डिग्री कोर्स नहीं है, लेकिन आप किसी भी संस्थान से डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स आसानी से कर सकते हैं.
अधिकतर संस्थानों में सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक से तीन या छह महीने और डिप्लोमा कोर्स की अवधि एक वर्ष है. यदि आप चाहें, तो इस काम को शुरू करने के लिए मोबाइल इंजीनियर भीरख सकते हैं, लेकिन सफल स्वरोजगार के लिए आपका स्वयं ट्रेनिंग लेना जरूरी होता है.
काउंटर से करें शुरुआत
मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू करने के लिए सबसे पहले जगह का चुनाव करना होता है. इस काम के लिए ऐसी ही जगह बेहतर होती है, जहां हर वक्त भीड़ रहती है. यानी कि आस-पास के किसी भी मार्केट एरिया में आप मोबाइल रिपेयरिंग की शॉप खोल सकते हैं. जाहिर है कि मार्केट में शॉप खोलना थोड़ा महंगा होगा. ऐसे में शुरुआती दौर में आप इस काम को एक काउंटर की जगह मात्र में भी शुरू कर सकते हैं. बड़ा काम करने के लिए बड़ी शॉप की आवश्यकता पड़ेगी.
आवश्यक यंत्र
मोबाइल रिपेयरिंग करने के लिए आपको एसएमडी, पेचकस सैट, सोल्डरिंग आयरन और डिजिटल मीटर की मुख्य रूप से जरूरत पड़ेगी. यदि आप कंप्यूटर द्वारा यह काम करते हैं, तो वह भी जरूरी होगा. शॉप के खर्च को छोड़ कर आप बिना कंप्यूटर के इस काम को 5-10 से 30 हजार रुपये मात्र में शुरू कर सकते हैं, लेकिन अच्छे स्तर पर कंप्यूटराज्ड काम करने के लिए आपको लगभग अस्सी-नब्बे हजार रुपये की जरूरत पड़ेगी.
मेहनत पर निर्भर करती है कमाई
मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करने के बाद आप अपनी शॉप खोल कर 20 से 25 हजार रुपये प्रति माह कमा सकते हैं. यदि आप चाहें, तो कोर्स के बाद जॉब भी कर सकते हैं. आइटीआइ कोर्स के बाद जॉब की गारंटी भी देता है. यदि आप अच्छे स्तर पर इस स्वरोजगार को करते हैं, तो और भी अधिक कमा सकते हैं.
काम के टिप्स
पार्ट्स की जानकारी के साथ आपको कंप्यूटर की जितनी अच्छी जानकारी होगी, आप उतने ही सफल मैकेनिक होंगे.
मार्केट में आनेवाले हर मोबाइल की जानकारी के साथ उसकी कार्य प्रणाली की जानकारी से जितने अपडेट होंगे, आप उतनी ही तरक्की कर सकेंगे.
ग्राहकों का विश्वास जीतने के लिए मुनासिब दामों में बेहतर सर्विस भी आपके व्यवसाय को तरक्की देगी.
मिल सकता है लोन
मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू करने के लिए आप लोन भी ले सकते हैं. इसके लिए यदि आपने प्राइवेट कोर्स किया है, तो सर्टिफिकेट पर दर्ज जगह के आधार पर अपने नजदीकी बैंक से संपर्क करें. आप प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत भी लोन ले सकते हैं. इसके अलावा यदि आपने सरकारी संस्थान से कोर्स किया है, तो भी आप लोन ले सकते हैं. लोन की सीमा 25 हजार से दो लाख तक है.
– पटना के मोबाइल मेकेनिक राजू कुमार
से बातचीत पर आधारित