बाजार और ग्राहकों की पसंद की रफ्तार में हमेशा एक रेस-सी लगी रहती है. कई बार कंपनियां एक के बाद एक प्रोडक्ट उतारती रहती हैं और ग्राहक उस तेजी की बराबरी करने में लगे रहते हैं.इस रेस में ग्राहकों को लुभा रही है हुंडई की नयी पेशकश ग्रैंड आइ 10
आमतौर पर किसी अपग्रेड को लेकर इतनी चर्चा होती नहीं है, न ही हम करते हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग था. ये अपग्रेड कई मायनों में अपग्रेड था. बात हुंडई की ग्रैंड आइ 10 की है. जो हाल में लांच हुई. हुंडई के मुताबिक भारतीय बाजार को देखते हुए नयी आइ 10 में कई बदलाव किये गये. कई फीचर्स डाले गये, लुक में बदलाव किया गया और साथ में एक विकल्प के तौर पर अब इसमें छोटा डीजल इंजन भी डाला गया है. यही नहीं कंपनी ने अपने इस ग्लोबल प्रोडक्ट के लिए भारत को सबसे ज्यादा तरजीह दी है और ग्राहकों ने कंपनी की मेहनत को ईनाम देने की सोची है. कंपनी का दावा है कि 20 दिनों में दस हजार ग्रैंड आइ 10 बुक हो गयीं. आजकल कंपनियो के लिए ये आंकड़े काफी अहम हैं. किसी भी कार की सफलता को आज कंपनियों ने इससे आंकना शुरू कर दिया है कि गाड़ी की बुकिंग कैसी चल रही है.
आखिरकार मुङो भी इस कार को चलाने का मौका मिला और मैंने इसे दिल्ली और आसपास की सड़कों पर घुमाया. पास के एक्सप्रेस-वे पर भगाया, मूसलाधार बारिश में चलाया और बारिश रुकने के बाद पगलाये हुए ट्रैफिक में भी चलाया. गाड़ी इंप्रेसिव लगी. मजे से भागी, भरोसे के साथ रुकी, कॉन्फिडेंस के साथ ओवरटेक किया. ये ध्यान में रखते हुए कि यह एक छोटी कार है और इसमें सबसे बड़ा योगदान मेरे हिसाब से इसके डीजल इंजन का था. दरअसल, इस अपग्रेड में हुंडई ने शायद नया नाम सोचने के अलावा बाकी सभी पहलुओं पर मेहनत की है. बाहर से लुक को फ्लूइडिक डिजाइन दिया गया है जो सभी नयी हुंडई कारों में भारत में आ चुका है. कार के अंदर थोड़ी जगह बढ़ायी है. पिछली सीट पर बैठे हिंदुस्तानियों के लिए एसी वेंट दिया है. नयी जेनरेशन के लिए नया म्यूजिक सिस्टम भी दिया है, जिसमें यूएसबी कनेक्ट जैसी सुविधाएं हैं. ये सारा नयापन मुङो अच्छा लगा ही था, लेकिन डीजल इंजन इन सबको और बेहतर पैकेज बना रहा था. दरअसल, छोटी कारों के साथ हमारा अनुभव होता है कि वो कम ताकतवर होंगी, लेकिन डीजल इंजन का एक्स्ट्रा टॉर्क इस ड्राइव को मजेदार बना रहा था. वैसे है ये 1120 सीसी का ही इंजन है और इसकी ताकत लगभग 70 बीएचपी की है. टॉर्क का आंकड़ा लगभग 160 एनएम का है, जो शहरी ट्रैफिक में इस छोटी कार को सुविधाजनक बना रहा था.
ग्रैंड आयी 10 के पेट्रोल वर्जन को अभी मैंने नहीं चलाया है, लेकिन उसके बारे में भी कभी बात जरूर करेंगे. उसकी कीमत 4 लाख 29 हजार से 5 लाख 51 हजार के बीच है. वहीं डीजल इंजन की कीमत 5 लाख 23 हजार से 6 लाख 45 हजार है.
आई 10 भारत में अब तक एक सफल कार रही लेकिन इसकी छवि स्विफ्ट से नीचे के सेगमेंट की कार के तौर पर ही रही है. ऐसे में ग्रैंड आइ 10 की कीमत बहुत जोरदार पैसा वसूल सौदा न भी कहलाए, आकर्षक कह सकते हैं. हालांकि इस कार के बारे में ये जरूर कहूंगा कि भले ही डीजल अवतार चलाने में मुङो मजा आया है, सच्चाई यही है कि ग्राहक अब वापस पेट्रोल की ओर जा रहे हैं और हुंडई का ये छोटा डीजल इंजन थोड़ा पहले आता तो और बेहतर होता.
मार्केट और ग्राहकों की पसंद की रफ्तार में हमेशा एक रेस-सी लगी रहती है. कई बार कंपनियां एक के बाद एक प्रोडक्ट उतारती रहती हैं और ग्राहक उस तेजी की बराबरी में लगे रहते हैं, कभी ग्राहक अपनी पसंद और अपना मूड इस कदर बदलते रहते हैं कि कंपनियां हांफती रहती हैं.
जैसे-इधर आपने आईफोन 4 खरीदा नहीं कि कंपनी ने 4 एस उतार दिया, और जब तक 4 एस के बारे में सीख पाते तब तक आइ फोन 5 और अब 5 एस. कार कंपनियों के मामले में इससे उल्टा मामला चलता है. क्योंकि उनके लिए बड़े पैमाने पर आरएंडडी और तब्दीलियां करना स्लो प्रोसेस होता है. ग्राहक छोटी कारें मांगते हैं, तो कंपनियां बनाने लगती हैं, फिर उन कारों में नये फीचर्स की मांग आती है, तो अगले वर्जन में कंपनियां वो सब लाती हैं. फिर छोटी एसयूवी की मांग ग्राहकों में बढ़ती है, तो फिर कंपनियां उन्हें बनाने में जुट जाती हैं. ऐसा ही डीजल कारो के साथ हुआ था. जब ग्राहक बढ़ते पेट्रोल कीमतों से हताश-निराश डीजल कारों की ओर गया, तब कार कंपनियों ने फटाफट अपने डीजल इंजन का प्रोडक्शन बढ़ाया, और जिनके पास नहीं था वो अपनी कारों में डीजल विकल्प लेकर आये. अब ग्राहकों ने जब देखा कि डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं,तो फिर से पेट्रोल कारों की ओर भाग रहे हैं और कार बाजार के इस खो-खो में कंपनियां हांफ रही हैं.