लाहौर : पंजाब प्रांत में 1600 संदिग्ध आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इस महीने के अंत तक उनके पैरों में ‘ट्रैकिंग चिप’ लगाई जाएंगी. पाकिस्तान में ऐसा पहली बार किया जा रहा है. संदिग्ध आतंकवादियों को आतंकवाद निरोधक कानून, 1997 की चौथी अनुसूची के तहत रखा गया है. इसके तहत उन प्रतिबंधित आतंकवादी या साम्प्रदायिक समूहों से संबंधित सभी ज्ञात संदिग्धों को रखा जाता है जो लोक शांति एवं सुरक्षा को खतरा पैदा कर सकते हैं.
पंजाब आतंकवाद विरोधी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ देश के इतिहास में पहली बार कानून प्रवर्तन एजेंसियां 1600 संदिग्ध आतंकवादियों के टखनों में एक ट्रैकिंग उपकरण लगाकर उनकी ‘इलेक्ट्रॉनिक निगरानी’ शुरु करेंगी ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.’’ इस उपकरण को आम तौर पर ‘एंकल बैंड ’ के रुप में जाना जाता है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने दो देशों से ट्रैकिंग उपकरण मंगाए हैं और आतंकवादियों के टखनों में उन्हें लगाने की प्रक्रिया इस माह के अंत तक शुरु हो जाएगी. जिन संदिग्धोंको सीमित क्षेत्रों में रहने की अनुमति दी गई है उन्हें समन जारी किया जाएगा और ट्रैकिंग चिप लगाई जाएंगी.’’ उन्होंने कहा कि इस आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने में ही मदद नहीं मिलेगी बल्कि इससे ‘‘कट्टर आतंकवादियों’’ तक पहुंचने में भी सहायता मिलेगी.
अधिकारी ने कहा कि ये बैंड लगाए जाने के बाद संदिग्धों के लिए सीमित क्षेत्र छोडना मुश्किल हो जाएगा. सरकार ने इन रिपोटरें के बाद ये बैंड लगाने का निर्णय लिया है कि प्रतिबंधित संगठनों के कई हाई प्रोफाइल सदस्य ‘सीमित क्षेत्र में रहने’ के उसके आदेश का उल्लंघन कर रहे है. कानून के अनुसार चौथी अनुसूची का कोई संदिग्ध सरकार की अनुमति से ही ‘सीमित क्षेत्र’ से बाहर जा सकता है.