देश की तरह झारखंड में भी महिलाएं गांव-शहर कहीं सुरक्षित नहीं हैं. महिलाएं तरह-तरह की हिंसा की शिकार होती हैं. कभी वे दहेज के लिए, कभी बा नहीं जनने पर तो कभी डायन-बिसाही के नाम पर प्रताड़ित की जाती हैं.
महिलाओं के साथ होने वाला दुष्कर्म उनके खिलाफ सबसे गंभीर प्रताड़ना है. हाल में दुष्कर्म की तीन बड़ी घटनाओं ने राज्य के लोगों को झकझोर दिया. इसके बाद हाइकोर्ट ने भी सरकार के अधिकारियों से महिला सुरक्षा के उपाय के संबंध में अद्यतन जानकारी मांगी.
राज्य में महिला सुरक्षा व लैंगिक भेदभाव पर बहस जारी है. 30 हजार महिला पंचायत प्रप्रतिनिधि महिलाओं की सुरक्षा में काफी मददगार साबित हो सकती हैं. महिला सुरक्षा से जु.डे विभित्र पक्षों को समेटती राहुल सिंह की विस्तृत रिपोर्ट पढने के लिए क्लिक करें :