पटना के मॉल में एक स्टोर है. वहां पेमेंट काउंटर के पास एक बोर्ड लगा है, जिस पर आप पर्ची चिपका कर उन प्रोडक्ट्स का नाम लिख सकते हैं, जो आपको इस स्टोर में नहीं मिले. पर्ची पर आप अपना मोबाइल नंबर भी लिख दें.
स्टोर वाले उस प्रोडक्ट को मंगवा कर आपको कॉल करेंगे. जरूरत पड़ी, तो आपके घर तक भी पहुंचा देंगे. इतना ही नहीं, अगली बार से वह प्रोडक्ट भी आपको स्टोर में हमेशा नजर आयेगा. यह एक शानदार तरीका है अपने कस्टमर्स को खुश रखने का और अपने स्टोर को दिन-ब-दिन बेहतर बनाते जाने का.
ऐसे कई रेस्टोरेंट्स हैं, जो बिल के साथ ही आपके सामने एक डायरी भी रख देते हैं और आपको फीडबैक देने के लिए कहते हैं. यहां उनका मकसद सिर्फ डायरी भरना नहीं होता, बल्कि वे चाहते हैं कि कस्टमर्स के दिल की बात जानें. उन्हें पता चले कि खाने या सर्विस में कहां कमी रह गयी और किन चीजों को सुधारना जरूरी है. हर बिजनेसमैन को इन तरीकों को अपनाना चाहिए. इससे आपके कस्मटर्स आपसे दूर किसी और स्टोर या रेस्टोरेंट नहीं जा सकेंगे.
अगर आप चाहें, तो अपनी कंपनी की वेबसाइट्स पर ब्लॉग राइटिंग की सुविधा भी दे सकते हैं. कई कंपनियां ऐसी सुविधा देती हैं, जिसमें कंपनी की सर्विसेज, किसी नये प्रोडक्ट या इसी क्षेत्र के ट्रेंड्स के बारे में पोस्ट किया जाता है. अब इन पोस्ट्स को कस्टमर्स के लिए उपयोगी और रुचिकर बनाने के लिए आप उनसे यह पूछ सकते हैं कि वे किन-किन टॉपिक्स के बारे में पढ़ना पसंद करते हैं.
इन दिनों सबसे ज्यादा चलन अपनी कंपनी या प्रोडक्ट का फेसबुक पेज बनाना है. जब धीरे-धीरे यह पेज फेमस हो जाता है, तो कई लोगों तक इस प्रोडक्ट की जानकारी पहुंचती है और वे पेज पर फीडबैक भी देते रहते हैं.
आप चाहें, तो प्रोडक्ट की ब्रांडिंग वहां कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आपका बूटिक है, तो आप बूटिक के ड्रेसेज के फोटो फेसबुक पेज पर अपलोड कर सकते हैं और हर ड्रेस के साथ कोड नंबर व फोन नंबर दे सकते हैं. जिसे भी वह ड्रेस पसंद होगा, वह सीधे आपको कॉल करेगा.
बात पते की..
– फेसबुक पेज बनाने से आपको पता चलता है कि लोगों में किस चीज की डिमांड है और वे आपके प्रोडक्ट में क्या सुधार चाहते हैं.
– जब तक आप ग्राहकों से जुड़ेंगे नहीं, उनके सुझाव को महत्व नहीं देंगे, तब तक वे आपसे गहराई से जुड़ नही सकेंगे. ग्राहकों को तवज्जो दें.