गिरिडीह. गिरिडीह. घरेलू कार्य में उलझी रहनेवाली साधारण परिवार की एक लड़की ने शायद कभी सोचा होगा कि वह एक व्याख्याता के रूप में कार्यरत होकर बच्चों को मानवता का पाठ पढ़ायेगीं. लेकिन, आत्मविश्वास और पढ़ने की ललक ने रांची की रहनेवाली प्रो जॉनी रूफिना तिर्की को न सिर्फ एक व्याख्याता की पदवी मिली, बल्कि वह आज गिरिडीह कॉलेज में छात्रों के सबसे चहेती व्याख्याता के रूप में विख्यात हैं.
अपने पिता मोहन तिर्की के साथ रांची में रहनेवाली प्रो रूफिना बचपन से ही काफी तेज थी. 1997 में प्रभातकार स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा, 2000 में ऑमेंस कॉलेज से आइएससी व गवसर्नर कॉलेज से 2003 में स्नातक पास करने के बाद 2005 में मानवशास्त्र से पीजी पास किया. इसके उपरांत बचपन से कुछ अलग करने की तमन्ना संजोये प्रो तिर्की कमीशन की तैयारी में जुट गयी. तभी जेपीएससी के माध्यम से 2007 में ही व्याख्याता के रूप में चयन कर ली गयी. उनकी पहली पोस्टिंग गिरिडीह कॉलेज में मानवशास्त्र के व्याख्याता के रूप में हुई. यहीं नहीं, उनके कार्य करने की लगन को देखते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट टू का भी उन्हें प्रभारी बनाया गया. गिरिडीह में व्याख्याता के रूप में ज्वाइन करने के बाद वह जब क्लास लेने के लिए जाती है, तो छात्रों संग पूरी तरह से घुल जाती हैं. यहीं वजह है कि छात्र उनके क्लास में न सिर्फ उपस्थित होकर लगन से पढ़ाई करते हैं, बल्कि उनकी बातों को बेहतर ढंग से समझते भी हैं.
की पाठ पढ़ा रही हैं. इस क्रम में वे एनएसएस के छात्रों के साथ भी एक दोस्त की तरह फिल्ड में वृक्षारोपण सहित अन्य कार्यो में हिस्सा लेती हैं.
सुदृर ईलाकों की महिलाओं को कर रही है साक्षर
बचपन से सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली प्रो रूफिना गिरिडीह आने के बाद कई संगठनों के साथ जुड़कर सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेने लेगी. लेकिन महिलाओं के लिए कार्य कर रहीं महिला समाख्या केन्द्र में विशेष रूप से हिस्सा लेते हुए उन्होंने जिले के कई सुदूर इलाकों में जाकर महिलाओं को साक्षर व आत्म स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रही हैं.
नैतिक मूल्यों से अवगत कराना उद्देश्य
प्रो रूफिना तिर्की की मानें तो वर्तमान समय में लोग अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं. खासकर युवा वर्ग अपने नैतिक जिम्मेवारियों से भाग रहे हैं. ऐसे में सभी शिक्षकों का दायित्व बनता है कि पढ़ाई के दौरान छात्रों को उनके नैतिक मूल्यों से अवगत कराएं. मानव व मानव के बीच जुड़ाव लाना जरूरी है तभी एक अच्छे व संस्कार वान समाज का निर्माण संभव हो सकता हैं.
संवाददाता : रिंकेश कुमार