छऊ नृत्य में महिलाओं के प्रवेश से पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती
खरसावां :
खरसावां के करीब दो दर्जन अखाड़ों में अब महिलाएं ही नृत्य कर रही हैं. सरायकेला में स्थानीय महिला कलाकार ही, नहीं बल्कि विदेशों से भी महिला कलाकार छऊ नृत्य सीखने को पहुंच रही है. विदित हो कि छऊ नृत्य में प्रारंभ से ही पुरुषों का वर्चस्व रहा है. पूर्व में इस नृत्य में महिलाओं की भागीदारी नहीं थी, परंतु अब यह नृत्य महिलाओं में भी खासा लोकप्रिय होता जा रहा है. पिछले तीन-चार वर्षो से इस नृत्य में महिलाओं की काफी भागीदारी बढ़ी है.
सरायकेला व खरसावां की महिलाएं न सिर्फ नृत्य, बल्कि मुखौटा व पोशाक बनाने का कार्य भी सीख रहीं हैं. छऊ नृत्य में महिलाओं के झुकाव से इस कला को नया आयाम मिलने की बात कही जा रही है. छऊ नृत्य को पेशा के रूप में अपनानेवाली महिलाएं इसमें अपना भविष्य तलाश रही हैं. उन्हंे उम्मीद है कि इस कला में बेहतर भविष्य निर्माण किया जा सकता है.