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‘हमने देखी है, इन आंखों की महकती खुशबू’

वर्ष 1969 में आयी फिल्म ‘खामोशी’ का गीत ‘हमने देखी है, इन आंखों की महकती खुशबू’ पुरुष सिंगर को ध्यान में रख कर लिखी गयी थी. फिल्म के सीन के अनुसार हीरो यह गीत हीरोइन को देख कर गानेवाला था. लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि गुलजार साहब का लिखा यह गीत महिला सिंगर को गाना […]

वर्ष 1969 में आयी फिल्म ‘खामोशी’ का गीत ‘हमने देखी है, इन आंखों की महकती खुशबू’ पुरुष सिंगर को ध्यान में रख कर लिखी गयी थी. फिल्म के सीन के अनुसार हीरो यह गीत हीरोइन को देख कर गानेवाला था. लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि गुलजार साहब का लिखा यह गीत महिला सिंगर को गाना पड़ा.

दरअसल, गुलजार ने यह गीत पुरुष आवाज के लिए ही लिखा था. लेकिन जब गुलजार साहब ने हेमंत दा को सुनाया, तो उन्हें यह गीत बेहद पसंद आयी. उनकी जिद थी कि इस गीत को लता मंगेशकर ही गायेंगी. गुलजार साहब ने उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की कि ये गीत पुरुष की आवाज के लिए है, लेकिन वह नहीं माने. उन्होंने यह गीत लता से ही गवाया.

फिल्म का यह गीत बेहद हिट हुआ, जो आजतक सुना जाता है. हालांकि, बाद में कई लोगों ने इस पर सवाल खड़ा किया कि आखिर आंखों से खुशबू कैसे निकलेगी मगर गुलजार साहब को इस बात का ज्यादा अफसोस नहीं हुआ. उन्हें ज्यादा अफसोस इस बात का हुआ कि फिल्म इंडस्ट्री में किसी ने यह क्यों नहीं पूछा कि यह गीत कोई पुरुष सिंगर क्यों नहीं गा सकता है. आज भी यह गीत गुलजार साहब के साथ उनके लाखों प्रशंसकों के दिलों के काफी करीब है.

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