मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शहर सिडनी के मार्टिन प्लेस में लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना की जांच सोमवार सुबह औपचारिक रुप से फिर से शुरु हो गई. मालूम हो कि सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित एक कैफे में 17 घंटों तक चले बंधक संकट के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करके वहां से लोगों को मुक्त कराया था लेकिन इस दौरान बंदूकधारी और दो बंधकों की मौत हो गई थी तथा चार अन्य लोग घायल हो गए थे. उधर, सिडनी पुलिस ने इस बात की भी पुष्टि कर दी थी कि बंधक बनाने वाला बंदूकधारी भी इस कार्रवाई में मारा गया. बंधकों में शामिल दो भारतीयों को भी सुरिक्षत बाहर निकाल लिया गया था.
जांच के दौरान इस घटना के संबंध में उन परिस्थितियों और मामलों की जांच की जाएगी जिनके कारण मार्टिन प्लेस के लिंट कैफे में टोरी जॉनसन, कैटरीना डॉसन और बंदूकधारी मैन हैरोन मोनिस की मौत हुई. मीडिया रिपोटरें के अनुसार मोनिस की पृष्ठभूमि की भी जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह आईएसआईएस से जुड़ा आतंकवादी या मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यक्ति तो नहीं था. कोरोनर जांच के प्रमुख माइकल बार्नेस ने कहा कि शुरुआती जांच मोनिस के संबंध में की जाएगी. इस संबंध में पुलिस और बंधकों से भी पूछताछ की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि कैफे में बंदूकधारी की गतिविधियां स्थानीय समय के अनुसार सुबह नौ बजे शुरू हुईं और आधी रात खत्म होने के बाद तक जारी रहीं थी. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बंदूकधारी की पहचान हारून मोनिस के तौर पर की, जिसे ऑस्ट्रेलिया में राजनीतिक शरण हासिल थी. बंदूकधारी के पूर्व वकील ने 50 वर्ष के इस शख्स को अलग थलग रहने वाला व्यक्ति बताया, जो अकेले इस घटना को अंजाम दे रहा था. पिछले साल नवंबर में उस पर अपनी पूर्व पत्नी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा, जिसे उसके आवासीय परिसर में चाकू घोंपकर मौत के घाट उतार दिया गया था. वहीं मार्च में उस पर एक युवती के यौन शोषण और उसपर अभद्र हमला करने का आरोप लगा. पुलिस ने बीते वर्ष क्रि समस से ऐन पहले हुई इस घटना से निपटने के लिए टास्क फोर्स पायनियर को सिक्र य कर दिया, जिसका इस्तेमाल आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में किया जाता है.