इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में विभिन्न जेलों में कम से कम चार कैदियों को आज फांसी दी गई. सरकार ने कहा कि कैदियों को लाहौर, फैसलाबाद, मुलतान और साहिवाल की जेलों में फांसी दी गई. गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि हत्या के मामले में एहसान को लाहौर की कोट लखपत जेल फांसी दी गई.
एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने उसे सजा-ए-मौत सुनाई थी और उसकी अपील खारिज कर दी गई थी. मोहम्मद सलीम को 2004 में अपने चचेरे भाई की हत्या के सिलसिले में फैसलाबाद सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाया गया. अब्दुल गफ्फार को 1990 में अपनी पत्नी समेत तीन लोगों की हत्या के सिलसिले में मुलतान सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाया गया.
जबकि वजीर को 1991 में राजनपुर में एक हत्या के सिलसिले में साहिवाल सेंट्रल जेल में फांसी से लटकाया गया. गृहमंत्रालय के अनुसार अभी पाकिस्तान में फांसी की सजा का इंतजार कर रहे तकरीबन 8000 कैदी हैं. पिछले साल दिसंबर में पेशावर में सैन्य स्कूल पर हमले के बाद सजा-ए-मौत पर से रोक हटाये जाने के बाद से अब तक तकरीबन 100 कैदियों को फांसी पर चढाया गया है.