Advertisement
पटना में शामिल हो जायेंगे 13 प्रखंडों के 558 गांव
पटना के मास्टर प्लान को लागू करने से संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं, जो मई महीने के अंत तक धरातल पर उतर जायेंगी. मास्टर प्लान लागू होने से जहां एक ओर पटना शहर का विस्तार हो जायेगा, वहीं, सालों से बंद पड़े नक्शा पास कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी. मास्टर प्लान […]
पटना के मास्टर प्लान को लागू करने से संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं, जो मई महीने के अंत तक धरातल पर उतर जायेंगी. मास्टर प्लान लागू होने से जहां एक ओर पटना शहर का विस्तार हो जायेगा, वहीं, सालों से बंद पड़े नक्शा पास कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी. मास्टर प्लान के तहत एक ओर जहां पटना को सुव्यवस्थित तरीके से बसाने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर हरियाली के इंतजाम की भी पूरी प्लानिंग है. मास्टर प्लान बनाने के लिए केंद्र की टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑर्गेनाइजेशन (टीसीपीओ), अहमदाबाद स्थित सेंटर फॉर इंवायरमेंटल एंड प्लानिंग यूनिवर्सिटी और केंद्रीय नगर विकासमंत्रालयसे भी सुझाव लिये गये हैं. गौरतलब है कि 33 साल बाद पहली बार यह मास्टर प्लान तैयार किया गया है.
पटना: पटना के नये मास्टर प्लान से शहर को नये रूप में विस्तार देने में बेहद मदद मिलेगी. इसमें नयी कॉलोनियों या ग्रीन सिटी को व्यवस्थित तरीके से विकसित करने में काफी मदद मिलेगी. शहर के इस विस्तारीकरण योजना में पटना जिला के 13 प्रखंडों के 558 गांव भी समाहित हो रहे हैं. पटना शहर का विस्तार इन गांवों और प्रखंडों तक हो जायेगा. मास्टर प्लान के नोटिफिकेशन के साथ ही ये ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में शामिल हो जायेंगे. एक तरफ पटना को सुव्यवस्थित तरीके से बसाने की तैयारी चल रही है, तो इसके साथ ही नयी कॉलोनियों और सिटी के बीच पूरी हरियाली का इंतजाम करने की भी प्लानिंग की गयी है. हर नयी कॉलोनी कुल क्षेत्रफल के छठवें हिस्से को पूरी तरह से हरा-भरा किया जायेगा.
मास्टर प्लान में ऐसी प्लानिंग की गयी है कि पटना में शहरीकरण की रफ्तार को 2031 तक पूरी तरह से ङोल सकता है यानी 2031 के बाद ही पटना को नये मास्टर प्लान की जरूरत पड़ेगी. इसी सोच के साथ इसे इतना फूल-प्रुफ तैयार किया गया है.
इन संस्थानों से लिया सहयोग
पटना शहर का मास्टर प्लान बनाने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने केंद्र सरकार की टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑर्गेनाइजेशन (टीसीपीओ), अहमदाबाद स्थित सेंटर फॉर इंवायरमेंटल एंड प्लानिंग यूनिवर्सिटी और केंद्रीय नगर विकास मंत्रलय से भी अहम सुझाव लिये गये हैं. इसके लिए छह बेहद निर्णायक और महत्वपूर्ण बैठकें की गयी, जिसके बाद इसका अंतिम प्रारूप तैयार किया गया. ये बैठकें 30 दिसंबर 2014 के अलावा इस वर्ष 12 जनवरी, 16 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी और 26 फरवरी को हुई थीं.
पुनपुन नदी की धारा बहेगी अविरल
नये मास्टर प्लान में जल संग्रह करने वाले सभी तरह के तालाब, पोखर और नदियों को भी विकसित किया जायेगा. ऐसे तमाम ‘वाटर बॉडी’ को विकसित करने की प्लानिंग है. फतुहा के पास बहने वाली पुनपुन नदी को इस प्लान में खासतौर से विकसित करने की योजना है. इसके पूरे बहाव क्षेत्र के आसपास की सफाई करके इसकी धारा को अविरल बहाने की व्यवस्था की जायेगी. इस मास्टर प्लान के बाद पटना शहर में दो नदियां हो जायेंगी. एक पुनपुन और दूसरी गंगा. इसके अलावा पूरे क्षेत्र में पड़ने वाले तमाम तालाब, पोखर और अन्य जल संग्रह के स्थानों को संरक्षित किया जायेगा, ताकि वे मृत प्राय नहीं हो.
आगे की योजना
12 अन्य शहरों के लिए भी बनेंगे मास्टर प्लान
पटना: पटना के अलावा राज्य के 12 अन्य शहरों के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा. इससे संबंधित कार्रवाई तेज करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी प्रमंडल के आयुक्तों के अलावा संबंधित जिला के डीएम और नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. विभाग ने अधिकारियों को संबंधित शहरों का मास्टर प्लान तैयार करके 10 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट विभाग में भेजने को कहा है. रिपोर्ट आने के बाद इनकी समीक्षा करने के बाद इन्हें विभाग के स्तर पर फाइनल किया जायेगा. पटना के मास्टर प्लान की तर्ज पर ही इन शहरों को व्यवस्थित तरीके से बसाने की मंशा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है.
इन बातों पर तैयार होगी रिपोर्ट
चयनित शहरों की रिपोर्ट तैयार में जिलों को विस्तृत विवरणी भेजनी होगी. साथ ही इन शहरों के आसपास के जो इलाके इसके तहत आ रहे हैं, उनका क्षेत्रफल, गांव की संख्या, सीमांकन और पूराविवरण. इसके अलावा कैडेस्ट्रल मैप, मौजूदा उपयोग में लायी जा रही भूमि का नक्शा तैयार करके भेजना होगा. जिन क्षेत्रों का चयन किया गया है, अगर उसमें कोई आधारभूत संरचना या महत्वपूर्ण परियोजना का विकास हो रहा है, तो उसकी भी विस्तृत जानकारी रिपोर्ट में भेजनी होगी.
पटना की तरह होगा इनका विकास
इन शहरों का चयन करने के लिए इसी वर्ष 22 अप्रैल को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. इसमें तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शहरों का चयन किया गया था. चयनित शहरों में छपरा और सहरसा दो ऐसे शहर हैं, जो नगर निगम नहीं हैं. शेष सभी शहर नगर निगम हैं. चयनित शहर वैसे हैं, जिनका विकास पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से हुआ है. साथ ही इन शहरों की आबादी भी बेहद तेजी से बढ़ी है. इस कारण से यहां बेतरतीब तरीके कई कॉलोनियां या मोहल्ले बसने लगे हैं. इनमें तमाम मौलिक सुविधाओं की कमी दिखने लगी है. मकान बिना किसी नक्शा या एप्रुवल के ही बन रहे हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement