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बच्चे को चाहिए सिर्फ आपका प्यार
दक्षा वैदकर बुधवार दोपहर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल में बहुत पुराना, लेकिन मजेदार एपिसोड दिखाया गया. इसमें टप्पू सेना का सेलेक्शन एक एड फिल्म के लिए हो जाता है. सभी लोग खुश हो जाते हैं, लेकिन बाद में सब को पता चलता है कि टप्पू सेना के सबसे छोटे सदस्य गोगी का इस […]
दक्षा वैदकर
बुधवार दोपहर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल में बहुत पुराना, लेकिन मजेदार एपिसोड दिखाया गया. इसमें टप्पू सेना का सेलेक्शन एक एड फिल्म के लिए हो जाता है. सभी लोग खुश हो जाते हैं, लेकिन बाद में सब को पता चलता है कि टप्पू सेना के सबसे छोटे सदस्य गोगी का इस एड में सलेक्शन नहीं हुआ. जब यह बात गोगी की मम्मी अपनी पति सोढ़ी को बताती है, तो वे बहुत गुस्से में आ जाते हैं.
पूरी गोकुलधाम सोसायटी में हंगामा मचा देते हैं. बाद में उनकी पत्नी और पूरी सोसायटी के लोग उन्हें समझाते हैं. सभी बच्चे दूसरे दिन शूटिंग में चले जाते हैं और अकेला गोगी बालकनी में खड़ा हो कर उन्हें देखता रह जाता है. वह बहुत उदास हो जाता है, लेकिन तभी उसके मम्मी-पापा उसे प्यार से समझाते हैं. उसका हौसला बढ़ाते हैं कि अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है. अभी तो पूरी जिंदगी पड़ी है. ये एड फिल्म नहीं मिली, तो क्या हुआ. दूसरी जरूर मिल जायेगी. वे उसका मन बहलाने के लिए उसे जुहू चौपाटी घुमाते हैं. बाहर डिनर करवाते हैं और मूवी दिखाते हैं. गोगी का मूड बिल्कुल ठीक हो जाता है.
यह एपिसोड देख कर मैं सोच रही थी कि काश सभी पैरेंट्स ऐसे हो जाते. आज कई ऐसे पैरेंट्स हैं, जो बच्चों पर जीतने का दबाव बनाते हैं.
उन्हें प्रेशर देते हैं कि आपको सेलेक्ट होना ही है, परीक्षा में फस्र्ट आना ही है. वे यह भूल जाते हैं कि उनसे ज्यादा बच्चे को इस बात की तकलीफ हुई है कि सारे दोस्त आगे निकल गये और वह रह गया. ऐसे में पैरेंट्स को उन पर गुस्सा होने की बजाय उन्हें सपोर्ट करना चाहिए.
उन्हें समझाना चाहिए कि किसी भी परीक्षा में हार-जीत मायने नहीं रखती. जरूरी सिर्फ यह होता है कि आपने उसमें भाग लिया और जीतने की पूरी कोशिश की. एक बात यह भी याद रखनी चाहिए कि अगर हम किसी परीक्षा में भाग लेते हैं, तो हमारा पूरा हक है कि हम असफल हों. पैरेंट्स को इसके लिए भी तैयार रहना चाहिए, क्योंकि परीक्षा तो आती-जाती रहेगी. मौके मिलते रहेंगे, लेकिन अगर बच्चे ने कभी इस बात को दिल से लगा लिया और खुद के साथ कुछ गलत कर लिया, तो?
बात पते की..
– बच्चे के असफल होने का जितना दुख आपको है, उतना ही बच्चे को भी है. इसलिए उसके नाजुक मन को समङों. उन्हें सपोर्ट करें. सिर्फ प्यार दें.
– रिजल्ट खराब होने पर बच्चे को केवल माता-पिता के प्यार की जरूरत होती है. उस वक्त उसे यह न बताएं कि उसने कहां-कहां गलतियां की हैं.
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