यूनाइटेड नेशंस पोपुलेशन फंड के आंकड़ों में देशभर में 47 फीसदी लड़कियों का विवाह 18 वर्ष से पहले
रांची: झारखंड में बाल विवाह का एक भी मामला दर्ज नहीं है. सरकारी आंकड़ों में यहां बाल विवाह की कहीं कोई स्थिति नहीं है, दूसरी ओर गांवों और सुदूरवर्ती इलाकों में 18 वर्ष से कम आयु में लड़कियों का विवाह हो रहा है, जिसकी सूचना सरकार को नहीं है.
यहां यह उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को सक्षम पदाधिकारी घोषित किया है. इन्हें बाल विवाह की स्थिति में कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है. सरकार भी बाल विवाह प्रतिषेध नियम को सख्ती से राज्य भर में लागू करने को भी कृतसंकल्प है. वहीं यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) के आंकड़ों के हिसाब से देश भर में 47 फीसदी बालिकाओं का विवाह 18 वर्ष से पहले हो जाता है. देश भर में राजस्थान, बिहार और झारखंड में सबसे अधिक बाल विवाह हो रहा है.
झारखंड: कम उम्र में ही अधिकतर शादियां
झारखंड में 18 वर्ष से कम आयु की 61.2 प्रतिशत युवतियां हैं, जिनका समय से पहले विवाह हो रहा है. शहरी क्षेत्र में यह 33.6 फीसदी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 71 फीसदी है. ये आंकड़े राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 के हैं. बिहार में 60.3 फीसदी बाल विवाह हो रहा है. वहीं जिला स्तरीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण में भी झारखंड में बाल विवाह की संख्या अधिक होने की बात कही गयी है.
रांची, हजारीबाग में बाल विवाह ज्यादा