दक्षा वैदकर
किसी भी कंपनी में अपने-अपने पदों के अनुरूप मिलनेवाले काम तो हर कोई निबटा लेता है, लेकिन कुछ ही कर्मचारी ऐसे होते हैं, जो खुद को मिलनेवाले काम में क्रिएटिविटी का पुट डाल कर काम को नया रूप दे देते हैं. ये कर्मचारी ऐसा करके अपनी क्रिएटिविटी के साथ तो न्याय करते ही हैं.
साथ ही अपनी टीम के सदस्यों में भी एक नयी ऊर्जा भर देते हैं. ऐसे कर्मचारी कंपनी की प्रोडक्टिविटी व माहौल दोनों सुधारते हैं. इसलिए मंङो हुए कर्मचारियों खास तौर पर क्रिएटिव लोगों की नियुक्ति पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. आप भी नियुक्ति करते वक्त परख सकते हैं किसी की क्रिएटिव एबिलिटी.
आप इंटरव्यू में आये कैंडीडेट्स में क्रिएटिव को परखने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं. आप उन्हें कोई समस्या बता सकते हैं और उसे हल करने को कह सकते हैं. आप उनसे पूछ सकते हैं कि आपने अब तक कौन-कौन-से क्रिएटिव काम किये हैं. उस काम को करने के पीछे आपकी सोच क्या थी. यह सवाल इसलिए, क्योंकि कई बार हम किसी के कहने पर या अनजाने में ही कोई क्रिएटिव आइडिया अपना बैठते हैं. सोच पता होने से आपको सामनेवाले का नजरिया समझ आयेगा. क्रिएटिविटी के अलावा आपको देखना होगा कि कर्मचारी का स्वभाव कैसा है.
इसके लिए आप जान-बूझ कर उसके किसी अच्छे काम में गलतियां निकालें. और देखें कि वह कैसे रिएक्ट करता है. इस तरह आप उसके सब्र की परीक्षा ले सकते हैं. यदि वह आपकी हर बात पर यस कहता है. हामी भरता है, तो यह भी ठीक नहीं. इसका मतलब वह क्रिएटिव नहीं, बल्कि एक यस मैन है. एक खास बात यह कि कर्मचारी अक्सर इंटरव्यू देने के पहले कंपनी की सारी डिटेल्स पता करके आते हैं. वे जानते हैं कि कंपनी की नीतियां क्या हैं.
ऐसे में आवेदक में नया क्या है? यह जानने के लिए आप किसी स्थिति में पूछें कि यदि वे उस स्थान पर होते, तो फैसला क्या होता? आप आवेदकों के बीच किसी मुद्दे पर डिबेट करा सकते हैं. इससे आपको पता चलेगा कि वह ग्रुप में अपनी बात किस तरह रखता है. क्या उसे गुस्सा आता है?
बात पते की..
– कोशिश करें कि हर ग्रुप में एक-दो कर्मचारी क्रिएटिव सोच वाले हों, ताकि माहौल भी अच्छा रहे और काम में नयापन नजर आये.
– कर्मचारियों को कुछ निर्णय खुद लेने दिया करें, इससे उनकी क्रिएटिविटी बढ़ेगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.