न्यूयार्क : अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदार हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिका की ‘असंतुलित हो चुकी’ आपराधिक न्याय व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने का आह्वान किया है और ‘बडी संख्या में बंदी बनाये जाने’ वाले युग के अंत करने पर जोर दिया है. हिलेरी ने यह आह्वान ऐसे दौर में किया है, जब पुलिस अधिकारियों के हाथों युवा अश्वेत व्यक्तियों की मौतों के कारण लगातार तनाव पैदा हो रहे हैं. हिलेरी ने फर्ग्युसन से लेकर बाल्टीमोर तक में अश्वेत व्यक्तियों की मौत की घटनाओं का संदर्भ देते हुए कहा, ‘हमने अपनी आपराधिक न्याय व्यवस्था को असंतुलित होने दिया. इन हालिया त्रासदियों के बाद हमें एकसाथ मिलकर एक देश के रूप में आगे आना चाहिए ताकि हम अपना संतुलन वापस हासिल कर सकें.’
कल कोलंबिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए हिलेरी ने कहा कि अमेरिकी न्याय व्यवस्था में जो ‘भेदभाव’ विद्यमान है, वह उस साझा सोच को कमजोर करता है कि ‘अमेरिका हो सकता है या उसे होना चाहिए.’ हिलेरी ने हालिया घटनाओं का हवाला दिया, जिनके कारण पुलिस के साथ तनाव पैदा हुआ. इन घटनाओं में एरिक गार्नर की मौत और चार्ल्सटन में निहत्थे वॉल्टर स्कॉट को पीछे से गोली मारे जाने की घटना शामिल है.
राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की दावेदारी पेश करने के बाद अपने पहले महत्वपूर्ण भाषणों में से एक में हिलेरी ने कहा, ‘और फर्ग्युसन से स्टेटन आइलैंड और बाल्टीमोर तक प्रारुप स्पष्ट हो गये हैं और इनसे इंकार नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने कहा कि देश को अमेरिका में नस्ल और न्याय से जुडे कडवे सत्यों के बारे में कुछ शर्तें लानी होंगी. उन्होंने आपराधिक न्याय व्यवस्था में सुधार की भारी जरुरत बताते हुए कहा कि सभी पक्षों की ओर से ‘नयी सोच’ और ‘साहसी कदम’ उठाये जाने की जरुरत है.
उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसे वास्तविक सुधार लाने होंगे, जो हमारी सडकों पर, हमारी अदालतों में, हमारी जेलों और कारागारों में, और लंबे समय से उपेक्षित रहे समुदायों में महसूस किये जा सकें. सबसे पहले, हमें अपराध से लडने के लिए कुशल रणनीतियों की जरुरत है, जो कानून प्रवर्तन और हमारे समुदायों, खासकर अश्वेत समुदायों के बीच विश्वास की बहाली कर सके.’ हिलेरी ने यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि देश के हर पुलिस विभाग के पास गश्त पर गये अधिकारियों और संदिग्धों के बीच की बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरा हों. उन्होंने इसे एक स्वाभाविक उपाय बताया.
उन्होंने कहा कि आज बीस लाख से ज्यादा अमेरिकी जेलों में बंद हैं. इनमें एक बडा प्रतिशत ऐसे लोगों का है, जो पैरोल के उल्लंघन या नशीले पदार्थों से जुडे छिटपुट अपराधों शामिल हैं या फिर बेहद व्यस्त अदालतों में सुनवाई के इंतजार में जेलों में बंद हैं. उन्होंने कहा, ‘यदि मौजूदा स्थिति की तरह बहुत से लोग बंदी न हों, तो गरीबी में जीने वाले लोगों की संख्या कई लाख कम होगी. उन्हें जेलों में बंद रखने से अपराध कम करने में कुछ खास मदद नहीं मिलती. लेकिन इससे परिवार और समुदाय एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यह समय हमारे रवैये को बदलने का है. यह समय अत्यधिक संख्या में लोगों को बंदी बनाये जाने वाले युग का अंत करने का है. हमें इस बात पर एक राष्ट्रीय बहस की जरुरत है कि किस तरह हमारे समुदायों को सुरक्षित रखते हुए हमारे कैदियों की संख्या में कमी लाई जा सकती है.’