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समझें पर्सनालिटी के मायने

अपने व्यक्तित्व में निखार लाने के लिए पर्सनालिटी या व्यक्तित्व को निखारने के लिए पहले यह समझना जरूरी है कि असल में पर्सनालिटी का अर्थ होता क्या है? समझें कि पर्सनालिटी ऊपरी नहीं, अंदरूनी होती है. अकसर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि उस व्यक्ति की पर्सनालिटी बहुत अच्छी है या खराब. आखिर […]

अपने व्यक्तित्व में निखार लाने के लिए

पर्सनालिटी या व्यक्तित्व को निखारने के लिए पहले यह समझना जरूरी है कि असल में पर्सनालिटी का अर्थ होता क्या है? समझें कि पर्सनालिटी ऊपरी नहीं, अंदरूनी होती है.

अकसर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि उस व्यक्ति की पर्सनालिटी बहुत अच्छी है या खराब. आखिर क्या है पर्सनालिटी? क्या सही मायनों में हम इस शब्द के व्यापक रूप को समझ पाये हैं?

पर्सनालिटी को अकसर लोग शारीरिक आकर्षण या सुंदरता से जोड़ कर देखते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हम इस शब्द के व्यापक रूप को नहीं समझते. पर्सनालिटी शब्द, लैटिन शब्द पर्ससोना से पैदा हुआ है, जिसका अर्थ है मास्क. इस शब्द का उपयोग रोमन के लोग थियेटर में काम करने के लिए और अलग-अलग किरदार निभाने के लिए करते थे. इसका अर्थ तो यह हुआ कि पर्सनालिटी वही है, जैसा हम दिखते हैं या दूसरों को नजर आते हैं, लेकिन पर्सनालिटी की यह परिभाषा बहुत ही संकुचित है. व्यक्तित्व को सही रूप में इस परिभाषा से समझा जा सकता है –

पर्सनालिटी सिर्फ शारीरिक गुणों से ही नहीं, बल्कि विचारों और व्यवहार से मिल कर बनती है. यह समाज में हमारे समायोजन और हमारे व्यवहार को भी निर्धारित करती है. कोई भी व्यक्ति जन्मजात अच्छी पर्सनालिटी लेकर पैदा नहीं होता, बल्कि सफल होने लिए अपने अंदर गुणों को विकसित करना पड़ता है. ऐसे गुणों को जो दूसरों को प्रभावित करें. साथ ही अपने आपको भी विकसित करें. शारीरिक रूप से सुंदर होना या बुद्धिमान होना व्यक्तित्व का सिर्फ एक पहलू है. अच्छी पर्सनालिटी के लिए ज्ञान का सही उपयोग करना और अपनी मुद्रा व हाव-भाव को उसके अनुरूप बनाना आवश्यक होता है. अपने साथियों से बेहतर बनने के बजाय कोशिश करें कि आप अपने आपमें बेहतर बनें.

दबाव और डर दो बहुत ही बड़े कारण हैं, जो पर्सनालिटी को पूरी तरह से निखरने नहीं देते. इसलिए अपने अंदर के डर को पहचानना और उससे मुक्त होने का प्रयास करना आवश्यक है. व्यक्तित्व में विचारों और व्यवहारों की भूमिका के साथ-साथ फिजिकल कैरेक्टरस्टिक्स को भी नकारा नहीं जा सकता है. फिजिकल कैरेक्टरस्टिक्स का अर्थ सिर्फ खूबसूरत चेहरे से नहीं, बल्कि व्यक्ति की ऊर्जा और रहन-सहन का ढंग भी है. किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व इस बात से भी आंका जा सकता है कि वह अपने व्यक्तिगत रिश्तों का किस प्रकार निर्वाह कर रहा है या उसमें कितना सफल है.

नकारात्मक विचारों और भावनाओं पर पाएं विजय

अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए पहली आवश्यकता है इसे सही तरीके से समझना. आप अकसर वही देखते हैं, जो आप देखना चाहते हैं. अपनी नकारात्मक और कमतर समझने की भावना से दूर रहना जरूरी है. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि अगर आप देखने में आकर्षक नहीं है, तो आपकी पर्सनालिटी अच्छी नहीं है. इसका सटीक उदाहरण मार्टिन लूथर किंग और गांधी जी जैसी शख्सियतें हैं. वे शारीरिक रूप से आकर्षित करनेवाले नहीं थे, लेकिन समाज के लिए इनका व्यक्तित्व एक मिसाल है. इन लोगों ने अपनी नकारात्मक भावनाओं पर विजय पायी और खुद पर भरोसा किया. नकारात्मक भावनाओं और विचारों पर विजय पाने का उपाय है, खुद से प्यार करो, खुद को अच्छा समझो और ऐसे लक्ष्य बनाओ, जिन्हें आप प्राप्त कर सकते हों.

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