विश्व की निर्माणाधीन 100 सबसे ऊंची इमारतों में से 60 चीन की धरती पर बन रही हैं. हालांकि चीन की इमारतें आकाश को छू रही हैं, लेकिन इसी अनुपात में आम चीनियों की चिंताएं भी बढ़ रही हैं. हुन्नान प्रांत की राजधानी, चांगशा में गगनचुंबी इमारतों के प्रति जनता के मन में विरोध की भावना पैदा कर दी है. चांगशा में आनेवाली सर्दियों में रिकॉर्ड समय में विश्व की सबसे ऊंची इमारत बनाने की तैयारी हो रही है.
चाइना डेली के मुताबिक स्टील और कंक्रीट के मॉड्यूल से महज चार महीने के अंदर 202 मंजिल की इस इमारत के निमार्ण की उम्मीद जतायी जा रही है. यदि निर्धारित समय में इमारत का निर्माण कार्य पूरा हो गया, तो आनेवाले वर्ष की शुरुआत में शहर के बाहरी इलाके में बनी यह ‘स्काइसिटी’ नामक इमारत बेहद कम समय में बनी सबसे ऊंची इमारत का रिकॉर्ड भी कायम कर लेगी. लेकिन यहां इमारत के साथ ही लोगों की चिंताएं भी आसमान छू रही हैं. प्रोजेक्ट की ऊंचाई और गति को देखते हुए सवाल पूछा जा रहा है कि कहीं चीन नगरपालिका के नेता और डेवलपर्स आसमान छूने के पागलपन और फायदे के लालच में तो ऐसा नहीं कर रहे! कई महात्वाकांक्षी स्थानीय अधिकारी राज्य की स्वामित्व वाली कंपनियों और सरकारी बैंकों के साथ मिल कर इन प्रोजेक्ट्स के पीछे खड़े हो गये हैं, जिससे देशवासियों में यह डर सताने लगा है कि यदि यह प्रोजेक्ट अलाभकारी साबित हो गया तो आर्थिक मंदी की स्थिति में बिल्डिंग के निर्माण में पैसा लगानेवाले करदाताओं का क्या होगा!
हालांकि सार्वजनिक चिंताओं के बावजूद दूर-दूर तक इस बात का कोई संकेत नहीं मिल रहा है कि बीजिंग के नियामकों द्वारा चीन की इतनी सारी ऊंची इमारतों में किसी भी इमारत के निर्माण के काम पर रोक लगायी जायेगी. स्काइसिटी का निर्माण करने वाले उद्योगपति पूरे आत्मविश्वास से यह दावा करते हैं कि लोगों की चिंताओं के बावजूद हम इस इमारत को जल्द ही पूरा कर लेंगे.