न्यूयार्क : गरीबी उन्मूलन और मूलभूत स्वच्छता एवं बिजली सभी को मुहैया करने के लिए भारत 2015 के बाद के महत्वाकांक्षी विकास एजेंडा की सफलता में योगदान देने की अपनी कोशिशों को सफल करने की दिशा में आगे बढ रहा है.
देश के एक शीर्ष राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र में यह बात कही. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने जोर देते हुए कहा कि भारत की कूटनीतिक गतिवधि देश के उस प्राथमिक लक्ष्य से जुडी हुई है जो राष्ट्रीय आर्थिक विकास में तेजी लाना है. इसके लिए मुख्य जोर गरीबी उन्मूलन और रोजगार पर है.
प्रख्यात इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में एक सेमिनार में मुखर्जी ने इस बात का जिक्र किया कि कई क्षेत्रों में भारत द्वारा राष्ट्रीय लक्ष्यांे को निर्धारित करना 2015 के बाद विकास एजेंडा की वैश्विक सफलता में योगदान पर आगे बढने के उद्देश्य की गंभीरता को इंगित करता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पिछले साल अपने संबोधन में इस बात का जिक्र किया था कि तीन सतत विकास लक्ष्य हैं. बुनियादी स्वच्छता, पेयजल और बिजली पाना. इन तीनों क्षेत्रों में भारत ने अपना खुद का राष्ट्रीय लक्ष्य घोषित किया है जिसमें स्वच्छ भारत अभियान शामिल है. इसने अक्तूबर 2019 में महात्मा गांधी की 150 वीं बरसी तक बुनियादी स्वच्छता और स्वच्छ जल का लक्ष्य रखा है.
इसके अलावा भारत को 50 करोड से अधिक शहरी आबादी के लिए 640 अरब डॉलर जुटाना होगा. इस संदर्भ में मुखर्जी ने जोर दिया कि देश की बहुपक्षीय विदेश नीति का लक्ष्य अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक सौहाद्र्रपूर्ण माहौल बनाने पर केंद्रित होगा.