
भारत के विदेश मंत्रालय के कहना है कि यमन में फंसे 348 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इन्हें भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा से जिबूती ले जाया गया है.
जिबूती से इन लोगों को चार विमानों से भारत वापस लाया जाएगा.
यमन के हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने पिछले हफ्ते सैन्य कार्रवाई शुरू की थी. यमन में करीब चार हज़ार भारतीय फंसे हुए हैं.
भारतीय अभियान

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के मुताबिक़, नौसेना का युद्धक विमान आईएनएस सुमित्रा मंगलवार शाम अदन पहुंचा था. उसके बाद से यह पूरा अभियान देर रात तक चला.
उन्होंने बताया कि 348 भारतीयों को अदन से निकाला गया है. जिबूती में विदेश राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह मौज़ूद हैं. वो यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन लोगों को यमन से निकाला गया है, वो सुरक्षित भारत पहुंचे.
अकबरुद्दीन ने बताया कि भारतीयों को वापस लाने के लिए चार विमानों को तैयार रखा गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आईएनएस सुमित्रा समुद्री डाकुओं के ख़िलाफ़ अभियान के लिए इन दिनों अदन में था.
यमन के हालात

अकबरुद्दीन ने कहा कि यमन में हालात ठीक नहीं हैं. वहां का बंदरगाह भी ठीक स्थिति में नहीं है. यमन के सुरक्षा हालात को लेकर भी चिंता थी, लेकिन भारतीय दूतावास ने अदन के अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित किया. नौसेना ने वहां के भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ समन्वय बिठाया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना था कि यमन में रह रहे हर एक भारतीय को जब तक वहां से निकाल नहीं लिया जाता, तब तक यह अभियान जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि यमन की भौगोलिक स्थितियां अलग-अलग हैं, इसलिए वहां से भारतीयों को निकालने के लिए हवाई जहाज और पानी के जहाज का इस्तेमाल किया जाएगा.
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