बोकारो: हंसी हर मर्ज की दवा होती है. आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में हंसी कहीं खो सी गयी है. हंसी का जीवन में काफी महत्व है. यूं तो आज हमें हंसने के पल बेहद कम मिलते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद एक दिन ऐसा है जो लोगों को हंसने-गुदगुदाने का मौका देता है और यह है एक अप्रैल यानी मूर्ख दिवस.
यूं तो पहली अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाना पश्चिमी देशों की परंपरा है, लेकिन जिस तरह हमने पश्चिमी सभ्यता को अपनाया है, उसी तरह पश्चिमी परंपराओं को भी अपने दिल में जगह दी है, फिर चाहे वह आपका वैलेंटाइन डे हो या फिर क्रि समस डे. एक अप्रैल को लोग एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक करने व दूसरों को बेवकूफ बनाने की तरकीबें खोजते हैं, लेकिन, इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि हमारा मजाक ऐसा हो जो दूसरों को हंसाए, ना कि दिल को ठेस पहुंचाये.
मजाक करें, पर संभल कर!
किसी के स्वास्थ्य संबंधी खबर को लेकर.
कैरियर संबंधी किसी विषय को लेकर.
किसी के चलने, बोलने और पहनने के ढंग को लेकर मजाक नहीं करना चाहिए.
अश्लील और भद्दे मजाक नहीं करें.
किसी के धर्म, संप्रदाय, जाति आदि को लेकर मजाक ना करें.
यह भी ध्यान रखें कि अगर किसी को मजाक पसंद नहीं हो तो उनके साथ किसी किस्म का गंभीर मजाक करने से बचें. वहीं अगर विषय गंभीर हो जाये तो कलह की स्थिति उत्पन्न होने से पहले मामले को संभाल लें अन्यथा संबंध खराब हो सकता है.