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बांग्लादेश सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते थे आतंकवादी

कोलकाता/नयी दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को दावा किया कि बांग्लादेश में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को उखाड़कर शरिया शासन की स्थापना करना प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के बर्दवान मॉड्यूल का उद्देश्य था. चार बांग्लादेशियों सहित 21 लोगों के खिलाफ कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में आरोपपत्र दायर करते हुए दो […]

कोलकाता/नयी दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को दावा किया कि बांग्लादेश में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को उखाड़कर शरिया शासन की स्थापना करना प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के बर्दवान मॉड्यूल का उद्देश्य था.

चार बांग्लादेशियों सहित 21 लोगों के खिलाफ कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में आरोपपत्र दायर करते हुए दो अक्तूबर के विस्फोट की जांच करने वाली एनआइए ने कहा कि मॉड्यूल का मास्टरमाइंड बांग्लादेशी नागरिक शकील गाजी था जो विस्फोट में मारा गया. एनआइए ने कहा कि सभी 21 आरोपी बांग्लादेश में ‘आतंकी हिंसा’ के जरिये मौजूदा लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने तथा इसलामी शासन आधारित कट्टरपंथी शरिया शासन लागू करने का षड्यंत्र रचने में शामिल थे जो दुर्घटनावश हुए विस्फोट के बाद प्रकाश में आया. कई राज्यों तक फैली जांच में एनआइए ने पाया कि जेएमबी ने भारत में शुरू में पश्चिम बंगाल, असम और झारखंड में अपना नेटवर्क स्थापित किया था. भारत में जेएमबी की शुरुआती गतिविधियों में भरती, संवेदनशील युवाओं को व्यवस्थित और संगठित तरीके से कट्टरपंथी बनाना, प्रशिक्षण देना शामिल था. उन्होंने पश्चिम बंगाल के नदिया, बर्दवान, मुर्शिदाबाद व बीरभूम में तथा झारखंड के साहेबगंज में संगठनात्मक आधार स्थापित कर लिये थे.

क्या है मामला

पिछले साल दो अक्तूबर को बर्दवान जिले के खागड़ागढ़ में दुर्घटनावश धमाका होने से आतंकियों की साजिश का परदाफाश हुआ था. इस धमाके में दो आतंकी मारे गये थे. बाद में इस घटना की जांच को एनआइए को सौंप दिया गया. जांच में आतंकियों का बांग्लादेश से संबंध होने की बात सामने आयी.

जो आरोपी एनआइए के हिरासत में हैं

गुलशाना बीबी उर्फ रजिया बीबी उर्फ रुमी, अलिमा बीबी उर्फ अमिना बीबी, अब्दुल हकीम, जियाउल हक, अमजद अली, मोहम्मद साहनूर आलम, शकील इसलाम खान, मोहम्मद रेजाउल करीम, हबीबुर रहमान, फैजल हक, ग्यासुद्दीन मुंशी, शेख रहमतुल्लाह, मोफीजुल अली

जो आरोपी फरार हैं

मोहम्मद युसूफ, कादेर काजी, बुरहान शेख, हबीबुर शेख, अब्दुल कलाम, तल्हा शेख, कौशर और नशीरुल्लाह.

एनआइए ने क्या कहा है चाजर्शीट में

एनआइए सूत्रों के मुताबिक, चाजर्शीट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तरफ से संदिग्ध आतंकियों के इरादे के बारे में जानकारी दी गयी है. इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना है ही संदिग्ध आतंकियों का मकसद था. इसी मकसद से पश्चिम बंगाल के साथ असम और झारखंड में आतंकी शिविर में जेहादी ट्रेनिंग दी जाती थी. बंगाल में बर्दवान के अलावा बीरभूम, नदिया और मुर्शिदाबाद में आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलता था. झारखंड के साहेबगंज जिले में यह गिरोह संदिग्ध लोगों को ट्रेनिंग दे रहा था. बंगाल, असम और झारखंड के मदरसे में आतंकी प्रशिक्षण के सुबूत मिले हैं, जो अदालत को सौंपे गये हैं. यही नहीं, संदिग्ध आतंकियों का संगठन धन जुटाने और लोगों को संगठन से जोड़ने का भी काम कर रहा था. हथियार बना कर सीमा पार भेज दिया जाता था. इसका इस्तेमाल वहां (बांग्लादेश) की सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जाता था. कुल 164 पन्ने की चाजर्शीट में 21 लोगों को आरोपी बताया गया है. जिसमें एनआइए की हिरासत में 13 आरोपी हैं, जबकि आठ फरार हैं. चार सौ गवाहों से इस मामले में बयान लिये गये हैं. सभी सुबूत व अन्य छापेमारी में मिले सामान को तीन ट्रंक व दो बैग में भर कर अदालत को सौंपा गया है. चाजर्शीट में खालेद मोल्लाह और बदरू आलम मोल्लाह के नाम हटाने का उल्लेख है, क्योंकि जांच में इस घटना से इनके जुड़े होने के सुबूत नहीं मिले हैं. जल्द ही नयी गिरफ्तारी होने पर पूरक (सप्लीमेंटरी) आरोपपत्र पेश किया जायेगा.

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